
मखौल बना बीकानेर सीएमएचओ का पद, चर्चाओं से गरमाया बाजार, पढि़ए पूरी खबर






खुलासा न्यूज, बीकानेर। एक और तो जिला कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जंग जीतने की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी और बीकानेर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर लगातार चल रही उठा-पटक के चलते इस पद की गरिमा पर मखौल उडऩे लगा है। पिछले एक सप्ताह के भीतर जिले को लगातार दूसरा कार्य व्यवस्था संचालन का सीएमएचओ मिला है।
डॉ. सुकुमार कश्यप के स्थानांतरण के बाद जिला प्रशासन की और से कार्य व्यवस्था के लिए डॉ. राजेश कुमार गुप्ता सीएमएचओ पद की जिम्मेदारी दी गई। आज शाम राज्य सरकार की और से एक आदेश निकालकर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ओपी चाहर कार्य व्यवस्था के लिए बीकानेर सीएमएचओ के पद पर आसिन किया गया। ऐसे में अब आमजन में सीएमएचओ पद के लिए हो रहे उठा-पटक को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। आपको बता दें कि डॉ. ओ.पीचाहर का स्थानांतरण होने के बाद वे फोर्ट डिस्पेंसरी में स्टे के आधार पर पद स्थापित रहे, जिन्हें आज कार्य व्यवस्था संचालन के लिए सीएमएचओ पद पर स्थापित किया गया।
दरअसल, बीकानेर में पहली कोरोना वेव के दौरान डॉ. बी.एल. मीणा CMHO थे। उस समय कई शिकायतों के चलते डॉ. मीणा को हटा दिया गया। उनका स्थानान्तरण CMHO जैसे महत्वपूर्ण पद से सीधे हनुमानगढ़ के जिला अस्पताल में सामान्य डॉक्टर के रूप में कर दिया गया। मीणा ने कार्यभार ग्रहण करने के बजाय अदालत में वाद दायर कर दिया। जहां से उन्हें स्थगन आदेश मिल गया। इस बीच डा. सुकुमार कश्यप को बीकानेर का नया CMHO बनाया जा चुका था। डॉ. कश्यप की कार्यशैली से जिला कलक्टर नमित मेहता नाखुश थे। यहां तक कि प्रभारी मंत्री गोविन्द डोटासरा ने भी कश्यप को हटाने के लिए चिकित्सा मंत्री को फोन किया। काफी दबाव के बाद डॉ. कश्यप को हटा दिया गया। उनका तबादला नहीं करके कार्य व्यवस्था के नाम पर जयपुर के RUHS में लगा दिया गया।
डॉ. कश्यप के जाने के साथ ही बीकानेर में CMHO के लिए दौड़ शुरू हो गई। इसमें संयुक्त निदेशक डॉ. देवेंद्र चौधरी का भी नाम चला। डॉ. चौधरी पहले लंबे समय तक CMHO रह चुके हैं। इसके अलावा डॉ. राहुल हर्ष, डॉ. नवल गुप्ता, डॉ. संदीप अग्रवाल, डॉ. राजेश गुप्ता का नाम जोरशोर से चला। इस बीच जिला कलक्टर नमित मेहता ने एक आदेश जारी कर डॉ. राजेश गुप्ता को CMHO की जिम्मेदारी सौंप दी। हालांकि पूर्व CMHO डॉ. बी.एल. मीणा उनके अधीन ही नोडल अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। डॉ. मीणा का विरोध जलदाय मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने किया। इसलिए उन्हें चार्ज नहीं दिया गया। डॉ. राजेश गुप्ता को कार्यभार देने का आदेश 23 मई की रात हुआ और 24 मई को सुबह उन्होंने विधिवत कार्यभार ग्रहण कर लिया। महज दो दिन में ही अब डॉ. गुप्ता को हटाकर डॉ. ओ.पी. चाहर को यह जिम्मेदारी स्वयं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन उप सचिव ने सौंपी है। ऐसे में डॉ. कश्यप 22 मई तक CMHO रहे, 23 को किसी के पास पद नहीं रहा। 24 को डॉ. गुप्ता रहे और 26 मई को डॉ. चाहर को जिम्मेदारी सौंप दी।


