
खुलासा पड़ताल : अवैध कोचिंगों का अड्डा बना बीकानेर, प्रतिष्ठित संस्थानों की हो रही साख खराब, कब चलेगा प्रशासन का डंडा






– कुशालसिंह मेड़तिया की विशेष रिपोर्ट
खुलासा न्यूज, बीकानेर। बीकानेर शहर अवैध कोचिंगों का अड्डा बन चुका है । जिले में संचालित अवैध कोचिंग संस्थानों के खिलाफ आज तक जिला प्रशासन का डंडा नहीं चला है। प्रशासन द्वारा कार्यवाही नहीं करने से प्रतिष्ठित संस्थानों की साख भी खराब हो रही है। खुलासा न्यूज ने पड़ताल की तो सामने आया कि व्यास कॉलोनी क्षेत्र में 25-30 ऐसे कोचिंग संस्थान है जो अवैध रूप से संचालित है। इन कोचिंग सेंटरों में ना तो फायर सेफ्टी के इंतजाम है और ना ही पार्किंग की व्यवस्था है। बिना कोई पुलिस वेरिफिकेशन के इन कोचिंग सेंटरों से आपराधिक गतिविधियां भी बढ़ती जा रही है। किसी प्रकार का कोई वेरिफिकेशन नहीं होने से कई कोचिंग संचालक अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर फरार भी हो चुके है। साथ ही प्रतियोगि परीक्षा तैयारी के नाम पर बच्चों से लाखों रुपये ऐंठते है। कुछ संचालक प्रतियोगिता के दौरान नकल गिरोह में शामिल होते है प्राय: देखा जाता है राजस्थान में होने वाली बड़ी से बड़ी प्रतियोगिता में डमी अभ्यार्थी या नकल करवाने वालों में मुख्य रुप से कोचिंग संचालक की मिलीभगत देखने को मिलती है। अपना नाम कामने के चक्कर में बच्चों को नकल करवाने जैसा जघन्य अपराध करते है फिर भी प्रशासन इन कोचिंग संचालकों के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन नहीं लेती है।
बीकानेर शहर की बात की जाए तो तीन कोचिंग संस्थान के संचालक प्रतियोगी परीक्षा में नकल करवाने के मामले में जेल की हवा खा रहे है। मैट्रिक्स इंस्टीट्यूट के संचालक राजाराम बिश्नोई सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा में नकल का मास्टरमाइंड था। अभी रीट परीक्षा में चाणक्य इंस्टीट्यूट के संचालक तुलसाराम कालेर नकल का मास्टरमाइंड है। फिलहाल फरार चल रहे है।
विज्ञापनों में पुलिस अधिकारियों की फोटो
कुछ कोचिंग संचालक तो अपने कोचिंग का प्रचार प्रसार के लिए लगाये जाने वाले होर्डिगसों में बड़े पुलिस अधिकारियों की फोटो दी जाती है जिससे की बच्चों में प्रभाव पड़े। इससे ये जाहिर होता है कि पुलिस अधिकारियों का कही ना कही कोचिंग से जुड़ाव रहता है। अभी हाल ही में हुई एएसआई भर्ती व रीट भर्ती में कोचिंग संचालकों ने ही बच्चों को नकल करवाने का काम किया था। इतना होने के बाद भी पुलिस प्रशासन दन कोचिंग क्लॉशों पर कोई कार्यवाही नहीं करती है।
जब बच्चा-बच्चा जानता है तो पुलिस क्यों बनी हुई मूकदर्शक
बच्चों से एक साल का पूरा पैसे लेकर कुछ कोचिंगें बंद हो चुकी है जिसमें हजारों बच्चें अपना भविष्य संवारने गये थे लेकिन उन्होंने बीच में ही कोचिंग को बंद कर यह से चलते बने। आखिर इन कोचिंगों पर कब लगाम लगेगा । आये दिन कोचिंगों की शिकायतें पुलिस तक पहुंचती है लेकिन क्षेत्र के थानाधिकारी कभी कोचिंग संस्थानों में जाकर यह पता नहीं करते कि कोचिंग चलाने वाला कहां का रहने वाला और वहां जो बच्चे आ रहे है वो कहां कहां से आ रहे है क्या कोचिंग संस्थान वाले के पास उसके पास पढऩे वाले प्रत्येक बच्चें का आधार कार्ड वगैरा है या नहीं। बड़े मजे की बात संचालक बिना रजिस्ट्रेशन कराए ही कोचिंग चला रहे हैं। पर शिक्षा विभाग के अधिकारी हैं कि सब कुछ जानकर अंजान बने हैं। यही वजह है कि इसको लेकर कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है। शहर में बिना पंजीयन कोचिंग चलाने का गोरखधंधा तेजी से चल रहा है। विभाग भी शांत था।
इनका कहना है :
पुलिस लगातार कार्यवाही कर रही है। कोचिंग वैध है या अवैध । इस पर कार्यवाही प्रशासन द्वारा की जाती है फिर भी कोई जानकारी आएगी तो आवश्यक रूप से कार्यवाही की जाएगी।
– प्रीतिचन्द्रा, एसपी, बीकानेर


