
पूछता है बीकानेर – आखिर शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा कब लगेगी? क्या बोले गोर्वधन सिंह देखे वीडियों






पूछता है बीकानेर – आखिर शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा कब लगेगी? क्या बोले गोर्वधन सिंह देखे वीडियों
बीकानेर। जिस वीर सैनिक ने भारत माता की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया, जिसकी मां ने अपना बेटा, पत्नी ने पति और बेटियों ने पिता खो दिया—आज, 19 वर्षों के बाद भी उस शहीद की प्रतिमा के लिए न तो स्थान तय हुआ है, न ही कोई ठोस पहल। यह न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि उन तमाम बलिदानों का भी अपमान है, जो हमारी रक्षा के लिए दिए गए।
शहीद मेजर जेम्स थॉमस, कीर्ति चक्र से सम्मानित वीर सपूत थे, जिनकी 88 वर्षीय मां की आंखें आज भी नम हैं। वे सिर्फ एक सवाल करती हैं—मेरे बेटे ने देश के लिए जान दी, पर क्या बीकानेर में उसकी प्रतिमा के लिए 5 फीट जमीन भी नहीं है?
स्थानीय युवाओं ने इस मुद्दे को कई बार जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों के समक्ष उठाया है। फिर भी, न कोई जगह निर्धारित की गई, न कोई आदेश जारी हुआ। यह अधिकारियों और नेताओं की संवेदनहीनता और हठधर्मिता को दर्शाता है।
बुधवार को शहीद कैप्टन चंद्र चौधरी स्मारक स्थल पर आयोजित प्रेस वार्ता में एडवोकेट गोर्वधन सिंह, सीताराम चौधरी और रामदयाल राजपुरोहित ने जानकारी दी कि आगामी 23 मार्च (शहीद दिवस) को शहीद मेजर जेम्स थॉमस की प्रतिमा बीकानेर के किसी सार्वजनिक स्थल पर स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा, जिससे उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।
इसके लिए दो स्थानों को चिन्हित किया गया है—पब्लिक पार्क और चुन्नीलाल पार्क। इन्हीं में से किसी एक स्थान पर प्रतिमा स्थापना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के शहीद अशुमान सिंह के पिता, किरोड़ी लाल मीणा सहित कोटा, जयपुर और अन्य शहरों से शहीदों के परिजन और सम्मानित नागरिक उपस्थित रहेंगे।
एडवोकेट गोर्वधन सिंह ने कहा कि एक ओर यूपी सरकार ने शहीद अशुमान सिंह की स्मृति में भव्य स्मारक और प्रतिमा बनवाई, और परिवार को सम्मानित किया; वहीं राजस्थान में 19 सालों में 5 सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन कीर्ति चक्र प्राप्त शहीद को आज तक एक प्रतिमा तक नसीब नहीं हुई।
यदि प्रशासन इस प्रयास में बाधा डालता है, मुकदमा करता है या लाठियां चलती हैं, तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे—क्योंकि यह लड़ाई एक शहीद के सम्मान की है, और बीकानेर अब चुप नहीं रहेगा।


