
बीकानेर के आरोपी शिवा की जयपुर में तबीयत बिगडने से मौत, पुलिस की संवेदनहीनता आई सामने





बीकानेर। पुलिस की संवेदनहीनता इससे अधिक क्या होगी कि जेल में बंद कैदी की तबीयत खराब होने पर उसे अस्पताल तो लेकर गए, लेकिन जब उसे गंभीर मानते हुए जयपुर रैफर कर दिया तो जेल अधिकारियों से बात करने के बाद रोडवेज के लिए चक्कर लगाते रहे। नतीजा कुछ ही दूरी पर पहुंचने के बाद तबीयत अधिक खराब हो गई और उसे फिर सीकर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की न्यायिक अधिकारी जांच करेंगे। हंगामा उस समय हुआ जब शव को पोस्टमार्टम के लिए परिजन मोर्चरी में आए हुए थे। उन्होंने जेलर पर इलाज में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया। यहां तक की उस पर मुकदमा दर्ज कराने के लिए नारेबाजी करते रहे।
दरअसल सीकर के सदर थाना इलाके में दर्ज एक मामले में पुलिस ने बीकानेर के साधुणा गांव निवासी शिवराज उर्फ शिवा को गिरफ्तार करके 11 जुलाई 2018 को जेल भेजा था। तभी से मामला न्यायिक प्रक्रिया में था। 18 दिसंबर 2020 को सुबह 9.20 जेल में रहने के दौरान ही शिवा की तबीयत खराब हो गई थी।जानकारी के अनुसार शिवा के इंफेक्शन था। इसके कारण कुछ दिनों पहले भी शिवा को अस्पताल में दिखाया गया था। उस समय भी चिकित्सकों ने सर्जरी कराने के लिए कहा था, लेकिन शिवा ने सर्जरी कराने से इनकार कर दिया था। उसकी तबीयत दिनोंदिन खराब हो रही थी। मामला अधिक गंभीर होने पर उसने जेल प्रशासन को इस बारे में सूचना दी। तब उसे लेकर दो गार्ड लेकर अस्पताल पहुंची थी।
उधर, मामले के बारे में एएसपी देवेंद्र शर्मा ने बताया कि मरीज को जयपुर किस साधन से ले जाना है इसका फैसला जेल प्रशासन को करना है। कांस्टेबल एंबूलेंस का किराया अपनी जेब से वहन नहीं कर सकते। जेल प्रशासन ने रोडवेज से जाने की मंजूरी दी थी तो वे उसी साधन से जा रहे थे।


