राजस्थान के रिसोर्ट संचालकों को बड़ी राहत, किश्तों में चुका सकेंगे भारी भरकम लीज राशि

राजस्थान के रिसोर्ट संचालकों को बड़ी राहत, किश्तों में चुका सकेंगे भारी भरकम लीज राशि

जयपुर: कोरोना काल में चरमराए पर्यटन उद्योग को संजीवनी देने के लिहाज से प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार गंभीरता से काम कर रही है. इसी के तहत रिसोर्ट व मोटल संचालकों के आर्थिक भार को कम करने के लिए सरकार ने नई व्यवस्था लागू की गई है. क्या है यह नई व्यवस्था और किस प्रकार मोटल व रिसोर्ट संचालकों को राहत मिलेगी. कोरोना की पहली, दूसरी और बाद में आई तीसरी लहर ने प्रदेश के पर्यटन उद्योग पर काफी प्रतिकूल असर डाला है. इस उद्योग की मुश्किलें किस तरह से कम की जा सकती हैं ,इसको लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हाल ही होटल ऑनर्स एसोसिएशन पुष्कर ने नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल को ज्ञापन देकर लीज राशि में राहत देने की मांग की थी. ज्ञापन में कहा गया था कि मोटल व रिसोर्ट की विशेष प्रकृति को देखते हुए लीज राशि में राहत दी जानी चाहिए. आपको सबसे पहले बताते हैं कि रिसोर्ट व मोटल के मामले में इस प्रकार की छूट दिए जाने के आधार क्या हैं.

 मंथन के बाद नगरीय विकास विभाग ने लीज राशि किश्तों में जमा कराने के आदेश दिए हैं. आपको बताते हैं इस आदेश के तहत किस प्रकार मोटल व रिसोर्ट संचालकों के लिए लीज राशि जमा कराना आसान होगा.

मोटल और रिसोर्ट संचालकों को राहत:
– प्रशासन शहरों के संग अभियान में एकमुश्त लीज राशि जमा कराने पर बकाया राशि पर 60 प्रतिशत की छूट दी हुई है.
-फ्री होल्ड पट्टा लेने के लिए आगामी दस वर्षों की लीज राशि जमा कराना आवश्यक है.

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