[t4b-ticker]

बडी खबर: ऑनलाइन जुए सट्टे के मामले में युवक की जामनत खारिज, रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है

बडी खबर: ऑनलाइन जुए सट्टे के मामले में युवक की जामनत खारिज, रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है
बीकानेर। जेएनवीसी थाना पुलिस ने करीब डेढ़ महीने एक जगह पर रेड मार कर ऑनलाइन जुए सट्टे करने वाले युवक को गिरफ्तर किया था। जानकारी के अनुसार जेएनवीसी थाना को मुखबिर से सूचना मिली कि क्षेत्र में एक युवक ऑनलाइन जुए स_े का कारोबार कर है इस पर पुलिस ने रेड मारी । इस मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी प्रमोद खत्री को जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश अनुभव सिडाना ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी।
6 नवंबर 2025 को जेएनवीसी थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बीकानेर शहर बड़े स्तर पर ऑनलाइन जुआ-सट्टा चलाया जा रहा है। जांच में सामने आया कि प्रमोद खत्री के व्हाट्सऐप बिजनेस अकाउंट ऑनलाइन सट्टा आईडी उपलब्ध करवाता था। इन आईडी के जरिए अलग-अलग वेबसाइटों पर क्रिकेट सहित अन्य खेलों पर सट्टा खिलाया जा रहा था। पुलिस के अनुसार, जुआ खेलने वालों से पैसे अलग-अलग लोगों के बैंक खातों में डलवाए जाते थे और बाद में वह रकम प्रमोद खत्री, उसकी पत्नी और अन्य संबंधित खातों में ट्रांसफर की जाती थी। इसके लिए फर्जी और बेनामी खातों का इस्तेमाल किया गया।
मोबाइल की जांच में हुआ खुलासा
पुलिस ने आरोपी के पास से एक महंगा मोबाइल जब्त किया। मोबाइल की जांच में व्हाट्सऐप चैट, संदिग्ध खातों के नंबर और सट्टा लेन-देन से जुड़े सबूत मिले। जांच में यह भी सामने आया कि प्रमोद खत्री का संपर्क एक अन्य संदिग्ध आरएल झंवर उर्फ रामलाल से था, जो इस सट्टा नेटवर्क में अहम भूमिका निभा रहा था। लेकिन आरोपी के वकील ने दलील दी कि प्रमोद खत्री निर्दोष है, वह भवन निर्माण का ठेकेदार है और जिन बैंक खातों में लेन-देन दिखाया गया है, वह निर्माण कार्य से जुड़ा है और यह भी कहा कि मोबाइल से कोई ठोस आपत्तिजनक डेटा नहीं मिला और आरोपी बीकानेर का स्थायी निवासी है, उसके फरार होने की आशंका नहीं है।कोर्ट ने कहा कि आरोपी इस मामले में मुख्य अभियुक्त है ऑनलाइन जुआ-सट्टा एक गंभीर और संगठित अपराध है आरोपी के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं और एक में उसे सजा हो चुकी है जांच अभी जारी है और रिहाई से जांच प्रभावित हो सकती है इन सभी तथ्यों को देखते हुए अदालत ने जमानत देने से इनकार कर दिया। राज्य की ओर से पैरवी पीपी किशनलाल भादू ने की।

Join Whatsapp