
बडी खबर: एक जुलाई से रेल किराया बढ़ाने की तैयारी






बडी खबर: एक जुलाई से रेल किराया बढ़ाने की तैयारी
नई दिल्ली। रेल का सफर 1 जुलाई से महंगा हो सकता है। नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में 1 पैसा प्रति किलोमीटर और एसी क्लास के किराए में 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी हो सकती है। इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
सभी बदलाव 1 जुलाई से लागू होंगे। इस तारीख के बाद का टिकट बुक करने पर नई दरों से किराया चुकाना होगा। रेलवे ने आखिरी बार 2020 में यात्री किराया बढ़ाया था।
इंडियन रेलवे ने टिकट की कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला क्यों लिया? जवाब: सरकार ने 5 सालों से रेल टिकट की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया था। रेलवे के सामने बढ़ते खर्चे और मेंटेनेंस की लागत को देखते हुए ये फैसला लिया गया है। हालांकि ये बढ़ोतरी बहुत मामूली है, ताकि आम यात्रियों पर ज्यादा बोझ न पड़े।
टिकट की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी होगी? जवाब: रेलवे ने नॉन-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए में प्रति किलोमीटर 1 पैसे की बढ़ोतरी की है। वहीं, एसी क्लास के लिए प्रति किलोमीटर 2 पैसे की बढ़ोतरी होगी।
यानी अगर आप 500 किलोमीटर की यात्रा कर रहे हैं, तो नॉन-एसी में 5 रुपए और एसी में 10 रुपए ज्यादा देने पड़ सकते हैं। वहीं 1000 किलोमीटर के सफर पर अब ्रष्ट में 20 रुपए और नॉन ्रष्ट में 10 रुपए ज्यादा देने होंगे।
क्या सभी ट्रेनों के किराए में बढ़ोतरी होगी? नहीं, सभी ट्रेनों पर ये बढ़ोतरी लागू नहीं होगी। सेकेंड क्लास में 500 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यानी छोटी दूरी की यात्रा करने वाले ज्यादातर यात्रियों को पहले जैसा ही किराया देना होगा। 500 किलोमीटर से ज्यादा डिस्टेंस होने पर आधा पैसा प्रति किलोमीटर ज्यादा चुकाने होंगे।
अभी रेलवे ने इसको लेकर अपनी वेब साइट पर अपडेट नहीं किया है। रेलवे ने हाल ही में और कोई बदलाव किए हैं? जवाब: हां, रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग के नियमों में भी बदलाव किया है। 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट बुक करने के लिए आधार वेरिफिकेशन जरूरी होगा। यानी ढ्ढक्रष्टञ्जष्ट की वेबसाइट या ऐप से तत्काल टिकट बुक करने के लिए आपका आधार कार्ड लिंक होना चाहिए। साथ ही, 15 जुलाई 2025 से तत्काल बुकिंग के दौरान आधार-बेस्ड ह्रञ्जक्क वेरिफिकेशन भी करना होगा। इसका मकसद ये सुनिश्चित करना है कि तत्काल टिकट सही यात्रियों को मिले, न कि दलालों को।

