
बड़ी खबर :कोरोना की चौथी लहर का खतरा नहीं नया वैरिएंट नहीं मिला





जयपुर । राजस्थान में कोरोना की चौथी लहर की आहट शुरू हो गई है। लेकिन, अच्छी बात है राज्य में अभी तक कोरोना काकोई नया वैरिएंट नहीं मिला है। पिछले दिनों हुई कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में ये बात सामनेआई है। विशेषज्ञों के मुताबिक पिछले चार महीने में 7 हजार से ज्यादा जांच हुई है। इसमें 95 फीसदी से ज्यादा मामले ओमिक्रॉन के मिले है। वहीं इस साल अप्रैल तक कुल 10,500 से ज्यादा सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए। इनमें 65 फीसदी से ज्यादा में ओमिक्रॉन मिला।
हेल्थ सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों की माने तो वर्तमान में ओमिक्रॉन और उसके सब वैरिएंट अभी एक्टिव है, जिससे लोगपॉजिटिव मिल रहे है। ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीज की सिवियरिटी न के बराबर है। यही कारण रहा कि कोरोना कीतीसरी लहर में जनवरी के अंदर केस तो हजारों में मिले, लेकिन हॉस्पिटल में एडमिशन 2 से 3 फीसदी ही हुए। पिछले सालडेल्टा वैरिएंट कोरोना का सबसे खतरनाक वैरिएंट रहा था। जब साल 2021 के अप्रैल-मई में सबसे ज्यादा केस आने के साथही सबसे ज्यादा एडमिशन और डेथ हुई थी।अब तक 10,500 से अधिक जांच
एसएमएस मेडिकल कॉलेज की माइक्रो माइक्रोबायोलॉजी की एचओडी डॉ. भारती मल्होत्रा की माने तो पिछले साल जुलाई सेजिनोम सीक्वेंसिंग की जांच शुरू हुई और तब से इस साल अप्रैल तक 10,500 से ज्यादा सैंपल की जांच कर चुके है। इन सैंपल में 65 फीसदी से ज्यादा की रिपोर्ट में ओमिक्रॉन या उसके सब वैरिएंट मिले है। सब वैरिएंट में सबसे ज्यादा मामले क्च्र.2के मामले है। इसके अलावा बड़ी संख्या में क्च्र.2.10 वैरिएंट भी मिला है। वहीं जनवरी से पहले तक हुई करीब 3700 सेअधिक जांच में 70 फीसदी मामले में डेल्टा के क्च.1.617.2 वैरिएंट के मामले मिले थे। इसके अलावा करीब 21 फीसदीमामले डेल्टा लाइक के थे।ओमिक्रॉन से बनी अच्छी एंटीबॉडीविशेषज्ञों की माने तो पिछले साल दिसंबर में मिले ओमिक्रॉन वैरिएंट से पूरे देश में बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव हुए थे औरइस वैरिएंट से पॉजिटिव होने के बाद लोगों में एंटीबॉडी अच्छी बनी थी। वहीं वैक्सीनेशन भी करीब 50 फीसदी से ज्यादालोगों का हो चुका है, जिसके कारण भी लोग अब काफी सेफ हो चुके हैं।


