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महिलाओं के लिए आई बड़ी खबर, अब तड़का पहले से होगा महंगा

महंगाई ने किचन में अपना स्थायी घर बना लिया है। खाद्य तेलों में इजाफे से तड़का जहां पहले से महंगा है। वहीं, अब मसाला कीमतों में इजाफे से जेब खाली हो रही है। चालु कलेंडर वर्ष के 2 महीनों में ही कीमतों में रिकॉर्ड उछाल है। इस साल अब तक मिर्च, हल्‍दी, जीरा, धनिया, सौंफ , अजवायन जैसे प्रमुख मसालों की कीमतों में 25 से 30 फ ीसदी से ज्‍यादा बढ़ोतरी हो चुकी है।

रसोई का बजट पहले ही बढ़ती महंगाई के कारण गड़बड़ा रहा है। सरसों, रिफ ाइंड सहित खाने के तेल पिछले साल से ही महंगे हैं और अब मसालों की बढ़ती महंगाई ने खाने का जायका और बिगाड़ दिया है।

सौंफ और अजवायन की पैदावार भी कमजोर
राजस्थान सहित गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में फ सली उत्पादन कमजोर है। बकाया स्टॉक भी मांग के मुकाबले कम है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में धनिए की फ सल 45 प्रतिशत कमजोर है, रूस, यूक्रेन और बुल्गारिया में भी स्टॉक कम है। सौंफ और अजवायन की पैदावार भी कमजोर है, इसका असर कीमतों पर आना तय है। पिछले दो महिनों में अधिकतर मसाला कीमतें 15 से 20 रुपये प्रति किलो खुदरा में बढ़ चुकी है, आने वाले महीनों में भी कीमतों में 30 रुपये प्रति किलो तक की तेजी संभावित है। आगामी सौदे भी बढ़ी हुई दरों पर हो रहे हैं।

मिर्च की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए लगातार तीखी हो रही
मिर्च की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए लगातार तीखी हो रही हैं। लाल मिर्च की क्रॉप में 40 से 60 रुपये प्रति किलो की थोक भावों में तेजी आ चुकी है। क्रॉप कम होने से तेजी का दौर है। थोक भाव बढ़ने का असर अब खुदरा कीमतों में आ रही है। मिर्च, जीरा, सौंफ , हल्दी, धनिया सभी में तेजी है। जनवरी महिने के बाद से हल्‍दी की सप्‍लाई भी शुरू हो गई लेकिन इसके दाम घटने के बजाए 5 से 10 फीसदी और बढ़ गए। इस वर्ष अब तक जीरा 25 फ ीसदी और धनिया 30 फ ीसदी से ज्‍यादा बढ़त पा चुके हैं। अप्रैल महिने के सौदे भी बढ़ी दर पर हो रहे हैं।

लाल मिर्च अलग से ही अपना रंग दिखा रही
केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, देश में सालाना औसतन 110 लाख टन मसालों की खपत होती है। पिछले साल उत्पादन भी बढ़ा था लेकिन उतना नहीं जितनी जरूरत है। मसाला बोर्ड के मुताबिकए साल 2019-20 में 94.1 लाख टन मसालों का उत्पादन हुआ था,जबकि 2018-19 में उत्पादन 91.9 लाख टन था। होली के त्यौहार से पहले तीखी लाल मिर्च अलग से ही अपना रंग दिखा रही है। कारोबारी बता रहे हैं कि बारिश की वजह से लाल मिर्च की फ सल 50 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई है। फसल के कमजोर होने के अलावा निर्यात की लिवाली अधिक होने की वजह से लाल मिर्च की कीमत में तेजी आई है।

यह हैं वर्तमान में थोक भाव
मिर्च 150 से 200 रुपये प्रति किलो 50 रुपये की तेजी
हल्दी 100 से 140 रुपये प्रति किलो 40 रुपये की तेजी
धनिया 60 से 125 रुपये प्रति किलो 45 रुपये की तेजी
जीरा 170 से 220 रुपये प्रति किलो 50 रुपये की तेजी
सौंफ 110 से 150 रुपये प्रति किलो 40 रुपये प्रति किलो की तेजी

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