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चिकित्सकों के लिए आई बड़ी खबर: अगर मूल पदस्थापन पर नौकरी नहीं की तो नहीं मिलेगी सैलरी, डेपुटेशन पर चल रहे चिकित्सकों में जबरदस्त खलबली

जयपुर। प्रदेश में पिछ्ले लंबे समय से स्टाफ की कमी के चलते जिन सरकारी अस्पतालों में ताले लटके हुए थे उनकी जल्द ही सूरत बदलने वाली है. यह सब कुछ संभव होगा चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की दृढ़ इच्छाशक्ति से. डेपुटेशन की प्रक्रिया को समाप्त करने की कवायत को लेकर चिकित्सा मंत्री अब सख्ती के मूड में है.
मंत्री मीणा ने कहना है कि डेपुटेशन पर चल रहे सभी चिकित्सकों को 24 मार्च तक का समय दिया गया. इस समयावधि में यदि चिकित्सकों ने नहीं दी मूल पदस्थापन पर जॉइनिंग, तो ऐसे चिकित्सकों का मार्च माह से ही रोका जाएगा वेतन. इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू होगी.
बात प्रदेश भर में डेपुटेशन पर लगे धरती के भगवानसे जुड़ी
राजस्थान में करीब 2 से 3 हजार चिकित्सा कार्मिक चल रहे प्रतिनियुक्ति पर
जबकि करीब 10000 चिकित्सा कार्मिकों के पद चल रहे हैं खाली
चिकित्सा मंत्री का साफ बयान, मंत्री रहूं या ना रहूं लेकिन डेपुटेशन करूंगा खत्म
आखिर किसके स्तर पर हुई चिकित्सा विभाग में इतनी बड़ी चूक ?
-डेपुटेशन कार्मिकों को लेकर मचे बवाल के बीच उठे बड़े सवाल
दरअसल, विभाग ने बगैर पद के काम कर रहे डॉक्टरों की खगाली कुंडली तो पता चला कि जिसका जैसा रसूख, उसके निकाल दिए गए वैसे ही ऑर्डर
चिकित्सा संस्थानों में खाली पद नहीं होने के बावजूद कर दी गई डॉक्टरों की पोस्टिंग
प्रतिनियुक्ति के बजाय सीधे पोस्टिंग के निकाल दिए गए आदेश और जब पद नहीं होने के चलते इन चिकित्सकों की तनख्वाह को लेकर फंसा पेंच तो “नौकरी यहां, तनख्वाह वहांकी शुरू कर दी गई मनमानी प्रक्रिया
इसके तहत सैकड़ों की तादाद में डॉक्टर कार्यस्थल के बजाय दूसरी जगह से उठा रहे सैलरी
आश्चर्य है कि लंबे समय से चल रही इस मनमानी की ओर नहीं दिया गया कोई ध्यान
हालांकि अब इस पूरे मामले में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने जांच के लिए निर्देश
आखिर किसके आदेश पर शुरू की गई डेपुटेशन की कवायद
मंत्री मीणा ने जयपुर ष्टरू॥ह्र का लिया नाम, यहां 2 साल से बगैर पद के लगे 75 डॉक्टर
ऐसे सभी प्रकरणों की जांच करवा कर शुरू की जाएगी जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई
क्या कैंसर मरीजों की पीड़ा समझेंगे जिम्मेदार ?
बात चिकित्सा विभाग में चल रही डेपुटेशन की टेंशन की
स्रूस् अस्पताल ऑंकोलॉजी विभाग और स्टेट कैंसर में 23 मेडिकल ऑफिसर की दरकार
मरीजों के दबाव और दो जगह पर सेवाओं को लेकर भेजा गया था प्रस्ताव लेकिन फिलहाल सिर्फ तीन मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति जबकि प्रतिनियुक्ति पर चल रहे 8 मेडिकल ऑफिसर भी संभाल रहे काम
लेकिन इन सभी 8 मेडिकल ऑफिसर्स को कल किया जाना है रिलीव
अन्यथा मार्च माह की नहीं बनेगी इनकी तनख्वाह, कार्रवाई की भी लटकेगी की तलवार
दूसरी ओर यदि प्रतिनियुक्ति पर लगे यह सभी चिकित्सक हो जाएंगे रिलीव तो स्रूस् और स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट में मरीजों के लिए होगी भारी दिक्कतें
कैंसर इंस्टीट्यूट के अधीक्षक डॉ संदीप जसूजा ने राज्य सरकार को कराया पूरी वस्तुस्थिति से अवगत
साथ ही किया आग्रह, स्थाई पदों की नियुक्ति तक प्रतिनियुक्ति को नहीं किया जाए समाप्त
– चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने फस्र्ट इंडिया से खास बातचीत में कहा कि किसी भी जगह पर मरीजों को नहीं होने दिया जाएगा परेशान, अगर जरूरत पड़ी तो अर्जेंट टेंपरेरी बेसिस पर लगाए जाएंगे डॉक्टर

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