
अपार्टमेंट वासियों के लिए बड़ी खबर, जल्द लागू होगा अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट






जयपुर। कोरोना संकट के कारण लॉकडाउन में राहत मिलने पर सरकारी कार्यालयों में कामकाज पटरी पर आने के बाद प्रदेश में अपार्टमेंट रहने वाला हजारों परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। पिछले करीब डेढ़ दशक से लंबित चल रहे राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट को अब सरकार लागू करने की तैयारी में हैं। अगर प्रदेश में कोरोना संकट नहीं होता तो यह बहुप्रतीक्षित अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट पहले ही लागू को जाता है। प्रदेशभर के अपार्टमेंट वासियों को उम्मीद है कि इस एक्ट को लागू करने का उनका पन्द्रह सालों का इंतजार अब जल्द जल्द ही पूरा होने वाला है।
पिछले डेढ़ दशक से इस एक्ट को लागू करने की कवायद चल रही
देश में संभवतया राजस्थान एकमात्र ऐसा बड़ा राज्य हैं जहां अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट लागू नहीं हैं। पिछले डेढ़ दशक से इस एक्ट को लागू करने की कवायद चल रही है। इस दौरान तीन बार यह विधेयक प्रदेश की विधानसभा से पारित हो चुका और तीन बार ही राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इसे प्रदेश में लागू करने की मंजूरी दे चुके हैं। आपको सबसे पहले बताते हैं कि आखिर इस कानून में ऐसा क्या, जिसे अपार्टमेंटवासियों के हित में लागू करना बहुत जरूरी है।
राजस्थान अपार्टमेंट ऑनरशिप एक्ट के प्रमुख प्रावधान-
– मौजूदा समय में अपार्टमेंट के खरीद-बेचान की रजिस्ट्री में अधिकतर प्रकरणों में भूमि शामिल नहीं होती हैं
– इसके चलते अपार्टमेंट क्रेता केवल अपार्टमेंट का मालिक होता है,जिस भूमि पर अपार्टमेंट बना है उसका उस पर कोई हक नहीं होता.
– वर्तमान में ऐसा कोई कानून हैं जिसके तहत अपार्टमेंट क्रेता का भूमि पर भी स्वामित्व हो.
– इस एक्ट के तहत बिल्डर को भूमि का मालिकाना हक देने के लिए भूमि की सब लीज अपार्टमेंट खरीदार के पक्ष में जारी करनी होगी.
– डीड ऑफ अपार्टमेंट के माध्यम से अपार्टमेंट के साथ कॉमन एरिया व विभिन्न सुविधाओं पर खरीदार के अधिकार स्पष्ट होंगे.
– आवंटन के छह महीने के भीतर बिल्डर को डीड ऑफ अपार्टमेंट संपादित करनी होगी.
– अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों की एक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बनेगी.
– बिल्डर एसोसिएशन को भवन का नक्शा,वायरिंग व प्लम्बिंग आदि समस्त जानकारी उपलब्ध कराएगा.
– अपार्टमेंट खरीदार पूरे भवन के रखरखाव के मद में एक निर्धारित शुल्क एसोसिएशन को देने के लिए बाध्य होगा।
प्रदेश के नगर नियोजन विभाग की ओर से इस अपार्टमेंट एक्ट को अस्तित्व में लाने के उद्देश्य से नियम-उप नियमों को प्रारूप तैयार किया गया था। इस प्रारूप को आपत्ति व सुझाव आमंत्रित करने के लिए जारी किया गया। विभिन्न स्टैक होल्डर्स से इस प्रारूप पर आपत्ति व सुझाव लेने के लिए नगरीय विकास विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाल भी आयोजित की गई थी। प्रारूप पर प्राप्त आपत्ति व सुझाव के आधार पर नियम व उप नियमों का एक संशोधित प्रारूप भी तैयार कर लिया गया है।
अभी यह कवायद बाकी:
– नगर नियोजन विभाग ने नियम-उप नियमों का संशोधित प्रारूप तैयार कर लिया है.
– नगर नियाजन विभाग इस संशोधित प्रारूप को स्वीकृति के लिए नगरीय विकास विभाग को भेजेगा.
– नगरीय विकास विभाग से यह संशोधित प्रारूप दुबारा वित्त विभाग और विधि विभाग को भेजा जाएगा.
– वित्त विभाग और विधि विभाग इस संशोधित प्रारूप की जांच करेंगे
– प्रारूप पर वित्त विभाग और विधि विभाग की स्वीकृति के बाद नियम-प्रारूप लागू करने की अधिसूचना जारी होगी


