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राजस्थान में पंचायत चुनावों को लेकर आई बड़ी खबर

जयपुर। राजस्थान के 6 जिलों में होने वाले जिला परिषद एवं पंचायत समितियों के चुनाव में राज्य निर्वाचन आयोग डिफॉल्टरों को चुनाव लडऩे से रोक सकता है. आयोग पिछला पंचायतराज का चुनाव लडऩे वाले वैसे प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे से रोक सकता है, जिसने चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया था. आयोग इन चुनावों का पूरा कार्यक्रम जारी कर चुका है. इसके लिये 11 अगस्त से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. आयोग ने चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों के लिए खर्च सीमा तय कर दी है. जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव खर्च सीमा डेढ़ लाख रुपये और पंचायत समिति सदस्यों के लिए 75000 रुपये निर्धारित की गई है.
सूत्रों के अनुसार, आयोग ने डिफॉल्टर प्रत्याशियों के चुनाव लडऩे पर रोक को लेकर जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश दे दिए हैं. पंचायत चुनाव में भी खर्च का हिसाब इलेक्?शन रिजल्ट की घोषणा के 6 महीने की अवधि में प्रत्याशियों को देना होता है. पिछले चुनाव में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्य के चुनाव लड़े प्रत्याशियों ने चुनाव खत्म हो जाने के बाद भी आयोग के नोटिस का जवाब देना मुनासिब नहीं समझा. इनमें काफी संख्या में विजयी प्रत्याशी भी शामिल हैं.
3 चरणों में होंगे पंचायत चुनाव
राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के 6 जिलों भरतपुर, दौसा, जयपुर, जोधपुर, सवाईमाधोपुर एवं सिरोही के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव कार्यक्रम जारी कर रखा है. 3 चरणों में होने वाने चुनाव के लिए 26 अगस्त, 29 अगस्त और 1 सितंबर को मतदान होगा, जबकि 4 सितंबर को संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतगणना करवाई जाएगी.
आचार संहिता लागू
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही इन सभी 6 जिलों के जिला परिषद एवं पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता के प्रावधान तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है. यह आचार संहिता जो चुनाव प्रक्रिया समाप्ति तक लागू रहेगी. चुनावों की घोषणा होने के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है.

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