
टिड्डीयों को लेकर आई बड़ी खबर, मानसून की बारिश ने बढ़ा दी हमले की आशंका






बीकानेर. भारत-पाक सीमा पर इस वर्ष पहले प्री मानसून व अब मानसून की अच्छी बरसात ने टिड्डी हमले की आशंका को बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य व कृषि संगठन ने ताजा सूचना में कहा है कि फि लहाल टिड्डी हमले की संभावना बिलकुल नहीं है। लेकिन जुलाई से सितम्बर तक मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश होने की स्थिति में भारत-पाक सीमा पर टिड्डियों को ब्रीडिंग के अनुकूल माहौल मिलेगा। इससे अक्टूबर में टिड्डी हमले की आशंका व्यक्त की गई है।
संगठन की ताला सूचना में कहा गया है कि वर्तमान में अफ्र ीका से लेकर भारतीय सीमा तक कहीं पर भी टिड्डी हमला नहीं हो रहा है। ऐसे में इसके नियंत्रण का कार्य करने की आवश्यकता भी नहीं है। इस वर्ष भारत-पाक सीमा के दौनों तरफ प्री मानसून की अच्छी बारिश देखने को मिली है। इससे रेगिस्तानी क्षेत्र में हरियाली छाई हुई है। इस हरियाली को टिड्डियों को पनपने का मुख्य कारण माना जाता है। वहीं अब मानसून पूरे क्षेत्र में एक्टिव हो चुका है। ऐसे में मानसून की अच्छी बारिश से टिड्डियों को ब्रीडिंग के लिए एकदम अनुकूल माहौल मिलना शुरू हो जाएगा। इन परिस्थितियों में टिड्डियों के पनपने की आशंका बढ़ जाएगी। यदि जुलाई से सितम्बर के बीच ब्रीडिंग बढ़ गई तो अक्टूबर में भारत में राजस्थान की सरहद से टिड्डियों का हमला हो सकता है। साथ ही कहा गया है कि यह हमला दो वर्ष पूर्व हुए हमलों की अपेक्षा बहुत कमजोर होगा। इन टिड्डियों को आसानी के नियंत्रित किया जा सकेगा।
दो वर्ष पूर्व हुआ था भीषण हमला
वर्ष 2019 से टिड्डियों ने पाकिस्तान के रास्ते भारत में प्रवेश कर फसलों को चट करना शुरू कर दिया था। लेकिन वर्ष 2020 में टिड्डियों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई। लाखों की संख्या में टिड्डियों ने हमले बोले। इससे फसलों का व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा। टिड्डी नियंत्रण के लिए सरकार को एयरफोर्स तक की मदद लेने पड़ गई थी।


