
शिक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, बच्चों को लेकर आई बड़ी खबर





नई दिल्ली। अरविंद पांडेय। स्कूली छात्रों के बस्ते के वजन को लेकर अक्सर उठने वाले विवादों को सरकार ने फिलहाल खत्म कर दिया है। इसे लेकर सरकार ने नई बैग पॉलिसी जारी तैयार की है। इसके मुताबिक, स्कूली बच्चों के बस्ते का वजन उनके वजन के दस फीसद से ज्यादा नहीं होगा। इसके तहत पहली कक्षा में पढऩे वाले छात्रों के बस्ते का वजन औसतन 1.6 से 2.2 किलोग्राम तय किया गया है, जबकि बारहवीं में पढऩे वाले छात्रों के बस्ते का वजन अब औसतन 3.5 से 5 किलोग्राम के बीच होगा। वहीं प्री-प्राइमरी में पढऩे वाले बच्चों के लिए कोई बैग नहीं होगा।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नए शैक्षणिक सत्र से इस पर सख्ती से अमल का निर्देश दिया है। बच्चों के बस्ते का वजन चेक करने के लिए स्कूलों में तौल मशीन रखी जाएगी। प्रकाशकों को किताबों के पीछे उसका वजह भी छापना होगा। पहली कक्षा के छात्रों के लिए कुल तीन किताबें होंगी, जिनका कुल वजन 1,078 ग्राम होगा।
वहीं, बारहवीं में पढऩे वाले छात्रों के लिए कुल छह किताबें होगी, जिनका वजन 4,182 ग्राम तय किया गया है। पढ़ाई के लिए समय सारिणी भी बनानी होगी। छात्रों के बैग के वजन को निर्धारित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। विस्तृत सर्वे के बाद कमेटी ने इसे अंतिम रूप दिया है। स्कूली छात्रों के बस्ते के वजन को लेकर अलग-अलग न्यायालयों की ओर से भी समय-समय पर दिशानिर्देश दिए गए थे।
बस्ते का वजन किसकी कितनी होगी हिस्सेदारी
स्कूली छात्रों के बस्ते में किताबों का वजन 500 ग्राम से 3.5 किलोग्राम रहेगा, जबकि कॉपियों का वजन 200 ग्राम से 2.5 किलोग्राम रहेगा। इसके साथ लंच बाक्स का वजन भी दो सौ ग्राम से एक किलोग्राम और पानी की बोतल का वजन भी दो सौ ग्राम से एक किलोग्राम के बीच रहेगा। फिलहाल बस्ते का जो भी कुल वजन होगा, वह छात्र के शरीर के वजन का दस फीसद ही रहेगा।


