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पुलिस की बड़ी कार्यवाही यूपी से फरार हुए छैमार गिरोह के 9 सदस्यों को दबोचा

जयपुर। उत्तरप्रदेश व पंजाब सहित पूरे देश में दुर्दांत हत्या की सैंकड़ों वारदातें करने वाली खूंखार छैमार गैंग की जयपुर में एंट्री हो गई है। यह गैंग यूपी पुलिस से भागकर जयपुर में मानसरोवर इलाकों में कई जगह डेरे डालकर छिपी हुई थी। लेकिन वारदात से पहले ही गैंग के सरगना सहित 9 बदमाशों को जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की क्राइम ब्रांच टीम ने गिरफ्त में ले लिया। इनमें यूपी स्ञ्जस्न का 25 हजार रुपए का ईनामी वांटेड साहिब खान उर्फ शेफ अली उर्फ मुनाजीर (25) और उसका पिता आदिल उर्फ शेर खान (50) भी शामिल है।
पुलिस गिरफ्त में आई इस छैमार गैंग की अजीबो-गरीब रीति रिवाज है। इस गैंग का सरगना वही बनता है तो कम से कम 6 हत्याएं कर चुका हो। इसके अलावा आधी रात को लूटपाट के दौरान जाग होने पर यह गैंग कम से कम 5 से 6 लोगों की बेरहमी से मोटे लट्‌ठ (डंडे) से हत्या करती है। इस गैंग के सरगना को यह भी नहीं पता होता है कि वह कितने लोगों की जान ले चुका है।
यूपी के 25 हजार रुपए का ईनामी वांटेड साहिब खान उर्फ शेफ अली उर्फ मुनाजीर (25) को भी जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
यूपी स्ञ्जस्न के 25 हजार रुपए का ईनामी वांटेड साहिब खान उर्फ शेफ अली उर्फ मुनाजीर (25) को भी जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया
जिस लट्‌ठ से बेरहमी से हत्या करते है, पहले शराब पार्टी में उसकी पूजा करते है
अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि वारदात से पहले घटनास्थल के आस-पास के सूनसान जगह पर रात 9 से 10 बजे के बीच बैठ जाते है। वहीं सभी बदमाश शराब एवं मीट की पार्टी करते हैं। आस-पास के हरे पेड़ से मोटे डण्डे काटकर उनकी पूजा करते हैं। फिर आधी रात में 2 बजे के आसपास निशाना बनाए मकान में छत के रास्ते से अंदर घुसकर मुख्य दरवाजा खोलते है। इसके बाद गैंग के सभी बदमाश अंदर प्रवेश करते है।
रैकी के बाद वारदात के वक्त गैंग के सदस्यों की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि घर में कितने लोग हैं। गिरोह के बदमाश घर में रात के वक्त कमरों में सो रहे प्रत्येक व्यक्ति के सिरहाने पर ल_ लेकर खड़े होते है। पहरेदारी करते है। बाकी सदस्य घर में कीमती सामान लूटने का काम करते है। इस दौरान यदि घर का कोई सदस्य जाग जाता है तो ये खूंखार बदमाश पूजा किए हुए लट्‌ठ से सिर पर ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर देते हैं। उसे हिलने का भी मौका नहीं देते हैं।
मानसरोवर व शिप्रापथ इलाकों में डेरों में छिपे थे बदमाश
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (क्राइम) डॉ. अमृता दुहान ने बताया कि क्राइम ब्रांच टीम को सूचना मिली थी कि छैमार गैंग के बदमाश जयपुर में दस्तक दे चुके है। वे मानसरोवर इलाके में न्यू आतिश मार्केट व शिप्रापथ इलाके में कब्रिस्तानों के आसपास कच्ची बस्ती में लगे डेरों में नाम व पता बदलकर खानाबदोश रह रहे है। तब पुलिस ने मानसरोवर, मुहाना और शिप्रापथ की पुलिस ने 11 और 12 नवंबर को इन डेरों में तलाशी अभियान चलाकर 54 संदिग्धों को पकड़ा। इनमें 9 बदमाशों की पहचान छैमार गिरोह के सदस्यों के रुप में हुई। इनमें गैंग का सरगना ईनामी बदमाश साहिब खान और उसका पिता आदिल भी शामिल था। यूपी एसटीएफ को इसकी सूचना दी गई। तब यूपी पुलिस जयपुर पहुंची।
कौन है छैमार गिरोह
यह गिरोह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के जिला सहारनपुर मुरादाबाद, फैजाबाद, सम्बल, अमरौहा, फरुखाबाद एवं कानपुर के आस-पास के ग्रामीण इलाकों में खानाबदोश के रूप में डेरे लगाकर निवास करते है। ट्रेनों के जरिए पूरे भारत में घूमते है। बड़े शहरों में पहुंचकर लूट व डकैती की वारदातें करते है। छैमार गिरोह की 2 शाखाऐं है।
इनमें एक शाखा पंजाबी छमार कहलाती है, जो पंजाबी भाषा में ही बातचीत करते हैं तथा दूसरी शाखा पूर्विया छैमार कहलाते है। दोनों ही गिरोह के सदस्य बहुत खूंखार व दुर्गान्त है। अब तक हजारो लोगों की हत्या, नकबजनी एवं डकैती के दौरान कर चुके है। इनके रीति-रिवाजों में गैंग का मुखिया वह अपराधी बनता है जिसने अपने हाथों से कम से कम 6 लोगों की हत्या की हो। इसी कारण इस गिरोह को छैमार कहा जाता है।
घर के बाहर आपका हार्दिक स्वागत है और शुभ विवाह लिखा देखकर बनाते है निशाना
छैमार गिरोह के सदस्य बड़े कस्बों की बाहरी आबादी के आस-पास डेरे लगाकर रूक जाते है। इसमें शामिल महिलाएं व पुरुष कबाड़ बीनने एवं छोटा-मोटा सामान बेचने के नाम पर रैकी करते है। गैंग के बदमाश ऐसे मकान को निशाना बनाते है। जिसमें किसी लडक़े की नई शादी हुई हो और या फिर घर के बाहर लिखा हो- यह परिवार आपका हार्दिक स्वागत है, शुभ-विवाह, संजय संग संध्या जैसे वाक्य देखकर अंदाज लगाते है कि घर में नकदी व जेवरात मिलने की संभावना है। वहां नई शादी हुई है। इसके बाद गिरोह वह इलाका छोड़ देती है। फिर करीब एक-डेढ़ महीने बाद उसी मकान को निशाना बनाकर डकैती और हत्या करते है। पकड़े जाने पर फर्जी पहचान पत्र व फर्जी जमानती पेश कर जमानत करवा लेते हैं और डेरे को दूसरी जगह लगाकर रहने लग जाते हैं।

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