विधायक दल की बैठक में नहीं जाने पर गहलोत गुट पर हो सकता है बड़ा एक्शन
जयपुर सोनिया गांधी के आदेश के बाद केंद्रीय ऑब्जर्वर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजस्थान में हुए घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट तैयार की है।
इधर, सोनिया गांधी निवास 10 जनपथ पर मंगलवार सुबह 11 बजे के बाद से ही पार्टी के बड़े नेता पहुंचने लगे हैं। इसमें अंबिका सोनी, गिरिजा व्यास, राजीव शुक्ला जैसे नेता शामिल हैं। ऑब्जर्वर बनकर जयपुर आए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेंगे। इस पर रिपोर्ट पर सोनिया गांधी बैठक करेंगी। माना जा रहा है कि राजस्थान संकट को लेकर आज बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।
इससे पहले सोमवार शाम को सोनिया गांधी के आदेश के बाद अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूरे घटनाक्रम पर लिखित रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके खेमे के तीन मंत्रियों और कुछ विधायकों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल और सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
अजय माकन और खड़गे की रिपोर्ट में रविवार और सोमवार के घटनाक्रम का फैक्चुअल ब्योरा देने के साथ विधायक दल की बैठक के पैरेलल शांति धारीवाल के घर बैठक बुलाने को हाईकमान के आदेशों और पार्टी की स्थापित परंपरा का उल्लंघन करते हुए एक्शन लेने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में इस घटना को कांग्रेस हाईकमान को सीधी चुनौती और अनुशासन तोड़कर पार्टी की छवि खराब करने वाला बताया है।
CM से पूछकर बैठक रखी, लेकिन गहलोत समर्थक विधायक नहीं पहुंचे
रिपोर्ट में लिखा है कि विधायक दल की बैठक रविवार शाम 7 बजे CM निवास पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सलाह करके तय की गई थी। हम बैठक के लिए वहां देर रात तक इंतजार करते रहे, लेकिन मुख्यमंत्री के समर्थक विधायक नहीं पहुंचे।
विधायक दल की बैठक में आने की जगह गहलोत समर्थक विधायक संसदीयकार्य और UDH मंत्री शांति धारीवाल के घर बैठक करके हाईकमान को ही चैलेंज करने लगे।
रात में तीन मंत्रियों ने तीन मांगें रखकर दबाव बनाया, वन टु वन मुलाकात का विरोध किया
माकन ने रिपोर्ट में लिखा है- विधायक दल की बैठक में आने की जगह गहलोत समर्थक विधायकों ने पहले शांति धारीवाल के आवाास पर बैठक कर नारेबाजी की और हाईकमान को चैलेंज किया। इसके बाद रात में ही स्पीकर सीपी जोशी के बंगले पर जाकर सामूहिक इस्तीफे दिए।
इस घटनाक्रम के बाद देर रात उनके प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे तीन मंत्रियों ने दबाव बनाया कि वन टु वन विधायकों से नहीं मिलकर सामूहिक रूप से मिल जाए। 19 अक्टूबर तक नए CM पर राय नहीं ली जाए और अशोक गहलोत की पसंद का ही CM हो , सचिन पायलट और उनके किसी समर्थक को CM नहीं बनाया जाए। रिपोर्ट में लिखा है कि तीनों मंत्रियों ने इन बातों को प्रस्ताव में लिखने का दबाव बनाया, जबकि अब तक कांग्रेस में एक लाइन का ही प्रस्ताव पारित होता आया है।
विधायक दल की बैठक का बहिष्कार और सामूहिक इस्तीफों से पार्टी की छवि खराब
रिपोर्ट में लिखा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक मंत्रियों और विधायकों के विधायक दल की बैठक के बहिष्कार और इस्तीफे के प्रकरण से पार्टी की छवि खराब हुई है। इसके जरिए पार्टी के वर्षों से जारी परिपाटी को चुनौती दी गई है। इस घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की सिफारिश की गई है।
सोनिया गांधी को रिपोर्ट मिलने के बाद होगी एक्शन की शुरुआत
सोनिया गांधी को अजय माकन की रिपोर्ट पर आज चर्चा करेंगी। रिपोर्ट के आधार पर कुछ मंत्रियों और विधायकों पर एक्शन लिया जा सकता है। बताया जाता है कि अजय माकन ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के लिए गहलोत खेमे के खास मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को जिम्मेदार माना है। पहले फेज में इन दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी होगा, इसके बाद गहलोत समर्थक कुछ और नेताओं पर भी एक्शन लिया जा सकता है।