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भोलाराम का जीव हुई परिवादी की फाइल

खुलासा न्यूज,बीकानेर। आमतौर पर न्यायपालिका में पीडि़त परिवादी न्याय की उम्मीद लेकर अपनी फरियाद न्यायाधिपति से करता है और इसके लिये कानून में तय मापदंड़ों के अनुरूप वाद दायर कर अपनी लड़ाई लड़ता है। लेकिन कई बार पीडि़त को ऐसे हालात से गुजरना पड़ता है। जिसके चलते उसके न्याय की आस को करारा झटका लगता है। एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है,जिसमें एक परिवादी की फाइल भोलाराम का जीव बन गई है। जिसके अभाव में पीडि़त पक्ष न्याय के लिये तरस रहा है। पीडि़त नगेन्द्र पांडे ने बताया कि उनकी पुत्री रूचिका के साथ उनके पति संजय शर्मा,सास,ननदोई भरत शर्मा और ननद शोभना ने मारपीट की। जिसका मामला 2016 से एसीजेएम-3 में चल रहा है। परिवादी जब तारीख भुगतने आते है,उसको फाइल न मिलने का हवाला देते हुए आगामी तारीख दे दी जाती है। इसको लेकर पिछले सप्ताह पांडे की ओर से फाइल की नकल की कॉपी मांगी तो सारा प्रकरण सामने आया। हालात यह है कि इस बारे में परिवादी ने न्यायाधिपति से भी इसकी शिकायत की है। जिस पर न्यायाधिपति ने लिपिक को फाइल की खोजबीन के दिशा निर्देश भी दिए। किन्तु उनके निर्देशों के बाद भी फाइल अब तक नहीं मिली है। पीडि़ता के पिता का आरोप है कि संजय शर्मा जिला एवं सत्र न्यायालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है और वो पद का दुरपयोग कर मिली भगती से फाइल को गायब करवा दिया है।
दिसम्बर में गफलत आई पकड़ में
पीडि़ता के पिता नरेन्द्र ने बताया कि 18 दिसम्बर 20 की तारीख पर जब वे न्यायालय पहुंचे तो पेशकार के समक्ष पड़ी लिस्ट में उनके मुकद्दमें के आगे गोल निशान लगा मिला। जिसकी जानकारी चाहने पर सामने आया कि यह मामला प्रतीक्षा में इसलिये रखा गया है कि इसकी फाइल नहीं मिल रही है। जिसके बाद में परिवादी हरकत में आया और फाइल न मिलने के कारणों का पता लगाने में लग गया। छ: माह का समय बीत जाने के बाद आखिरकार परेशान पीडि़त पक्ष में फाइल की नकल उपलब्ध करवाने की अर्जी लगा दी। लेकिन दस दिन बीत जाने के उपरान्त भी पीडि़तों को फाइल नहीं मिल पाई है।

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