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भारत माला प्रोजेक्ट : न मिल रहा मुआवजा,ब्याज से भी धोना पड़ेगा हाथ

जयनारायण बिस्सा
बीकानेर। एक ओर तो राज्य सरकार अपने एक साल की उपलब्धियों को गिनाते हुए जिला स्तर पर भव्य आयोजनों की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में अनेक समस्याएं ऐसी है। जो प्रशासनिक अडग़े के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। जिसकी वजह से पीडि़तों को उसका लाभ नहीं मिल रहा है। इसमें से एक है भारत माला प्रोजेक्ट के तहत आवप्त भूमि का मुआवजा। जी हां बीकानेर उपखंड अधिक ारी के पेचीदगियों के चलते किसान न केवल अपने मुआवजे से वंचित हो रहे है। बल्कि इससे होने वाली देरी के कारण लाभार्थी किसानों को ब्याज से भी हाथ धोना पड़ेगा। जानकारी मिली है कि बीकानेर प ंचायत समिति के लगभग 13 गांवों के पांच सौ के करीब किसानों को इसका लाभ मिल है। किन्तु भूमि आवप्ति के चयनित किसानों की फाइलें आज भी उपखंड कार्यालय बीकानेर में भोला राम का जीव बनी घूम रही है। बताया जा रहा है कि सभी प्रकार की सरकारी प्रक्रियाओं के बाद उपखंड कार्यालय में पड़ी इन फाइलों का निस्तारण नहीं होने से किसानों का इसका मुआवजा नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार ने कि सानों को दिया जाने वाले मुआवजे की राशि उपखंड अधिकारी के राजकोष में जमा करवा दी है। डेढ माह का समय बीत जाने के बाद भी अब तक 32 करोड़ मुआवजा राशि में से 15 करोड़ का ही भुगतान हो पाया है। शेष का भुगतान नहीं होने के कारण किसान परेशान है। ऐसे में निर्धारित समय पर भुगतान और इस अवधि के दौरान के ब्याज नहीं मिलने से किसानों की आर्थिक हालात बिगड़ रही है।
40 करोड का होना है भुगतान
जानकारी मिली है कि भूमि आवप्ति के लिये लाभार्थी किसानों को करीब 40 करोड का भुगतान होना है। जिसमें से 32 करोड रूपये सरकार की ओर से उपखंड अधिकारी के राजकोष में जमा करवा दिये गये है। जो 60 दिनों की अवधि में दिये जाने का प्रावधान है। परन्तु 45 दिनों का समय बीत जाने के बाद भी अब तक समझाईश के बाद महज 15 करोड का भुगतान हो पाया है। मंजर ये है कि मुआवजे के लंबित होने से किसानों को न केवल अपनी राशि का बल्कि ब्याज की मार भी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में किसानों में इस बात. को लेकर रोष है।
दुबारा जांच का अडंगा
एक किसान ने अपना नाम न छापने की शर्ते पर बताया कि भूमि आवप्ति के लिये नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से सभी सरकारी प्रक्रियाएं पूरी क रने के बाद भी उपखंड अधिकारी रिया के जरीवाल कभी पटवारी तो कभी तहसीलदार के हस्ताक्षर के नाम पर फाइलें अटका रही है। जबकि भूमि आवप्ति के लिये सरकार ने प्रकिया पूरी क रने के बाद मुआवजे की राशि उन्ही के राजकोष में जमा क रवाई है। इस किसान का कहना है कि पूर्व में इसी आधार पर कुछ किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है। फिर अब किस प्रकार की प्रक्रिया आवश्यक रह गई।
इन गांवों के किसानों को हो रही परेशानी
बताया जा रहा है कि बीकानेर पंचायत समिति के नापासर,गुसाईसर,खारडा,रूणियाबड़ा बास,आसेरा,भोजेरा,सींथल,रूपेरा,कल्याणसर अगुण,कल्याणसर अथूणा,नौरंगदेसर,केसरदेसर जाटान,किलचू देवडान,कि लचू सहलतान के किसान उपखंड कार्यालय की पेचिदगियों के कारण मुआवजे में होने वाली देरी और इसके तहत ब्याज के हो रहे नुकसान से तंग है।
25 जुलाई को जिला कलक्टर ने दिए थे निर्देश
गौर करने वाली बात ये है कि जिले के मुख्या कुमार पाल गौतम ने 25 जुलाई 2019 को संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर भारतमाला परियोजना के तहत जिले के प्रोजेक्ट्स के लिए भू अवाप्ति का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश थे। जिसके तहत सम्बंधित क्षेत्रों के उपखंड अधिकारी मौके पर ही कैंप लगा कर किसानों से समझाइश कर किसानों के हितों का ध्यान रखते हुए जमीन का अधिग्रहण करने की बात कही थी। किन्तु हालात ये है कि बीकानेर उपखंड की बात करें तो अब तक आधे से ज्यादा किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया है। जिसके चलते किसानों को न तो भूमि आवप्ति की राशि मिल रही है और ब्याज का नुकसान भी वहन करना पड़ रहा है।
ये है मुआवजे का तकमीना
इस योजना के तहत किसानों की भू अवाप्ति के लिये सरकार ने मुआवजा दर भी तय कर दी थी। इसमेें शहरी क्षेत्र से 10 किलोमीटर तक के क्षेत्र में बाजार मूल्य का 1.25, 10 किमी से 20 किमी तक 1.50, 20 से 30 किमी तक 1.75 तथा 30 किमी से अधिक के लिए रजिस्ट्री रेट(बाजार मूल्य) से 2 गुणा की दर से मुआवजा दिया जाएगा। जमीन अवाप्ति के दौरान भूमि पर बने मकान का शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा। फसल का भी नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा तथा भूमि पर खड़े वृक्षों का मुआवजा वन विभाग के नियमानुसार दिया जाएगा। इसके अतिक्ति बड़े गांवों के आप पास के गांवों में औसत दर के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा। भूमि अर्जन, पुर्नवासन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार अधिनियम 2013 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए भूमि अवाप्ति की क ार्यवाही की जाएगी।
यह है भारतमाला प्रोजेक्ट
गुजरात, राजस्थान से प्रारम्भ होकर पंजाब, हिमाचल, उतराखंड जाने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 5300 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस का उद्देश्य आर्थिक कोरिडोर का विकास क रना है। इस प्रोजेक्ट से पूरे देश का एकता के सूत्र में पिरोते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास किया जा सकेगा तथा पिछड़े क्षेत्रों के विकास में भी मदद मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि इससे देश को सामरिक रूप से नई मजबूती मिलेगी तथा रक्षा ढांचा भी सुदृढ़ होगा। भारतमाला परियोजना के तहत जिले में एनएच संख्या 911 पर रायसिंहनगर-अनूपगढ़-घड़साना-सत्तासर-पूगल का दो लेन सहित चैड़ी करने का कार्य किया जाएगा। इसके तहत जिले के 65 किलोमीटर का क्षेत्र आता है। इस परियोजना के तहत 279 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। परियोजना के तहत एनएच संख्या 911 तथा 911 ए खाजूवाला पूगल दंतौर जग्गासर गोकुल गोडू रणजीतपुरा चारणवाला नोख बाप खंड के दो लेन पटरी चौड़ी करने का कार्य किया जाएगा। जिले में इसके तहत 182 किलोमीटर का क्षेत्र आता है। इस कार्य पर 768 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।अमृतसर जामनगर एक्सप्र्रेस के तहत छ लेन एक्सप्रेस वे बनाया जाएगा। जिले में यह सड़क लूणकरनसर नोखा से होकर गुजरती है। जिसके तहत 194 किलोमीटर लम्बाई की सड़क मार्ग पर 3 600 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट के बनने से संगरिया से सांचौर मार्ग में 160 किमी तक की दूरी कम हो सकेगी तथा क्षेत्र में उद्योग व सौलर उर्जा के विकास को नई गति मिल सकेगी।

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