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गोद लिए वार्डो की भामाशाह ही नहीं ले रहे सुध, मरीज स्वयं ला रहे अपना साथ पंखे, देखें वीडियों…

निखिल स्वामी/राजा जोशी की ग्राउंड रिपोर्ट
बीकानेर. बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में आपातकालीन में बने मेडिसन विभाग के हालात दिनोंदिन बद से बदतर होते जा रहे है। पिछले लम्बे समय से पूरे वार्ड में एसी बंद पड़े है। यह पूरा एक संस्थान की ओर से गोद लिया गया है। लेकिन गोद लेने के बाद इस वार्ड की दुबारा सुध तक नहीं ली गई है। संस्थान ने वार्ड तो गोद ले लिया, लेकिन यहां नियमित तौर पर निरीक्षण व रखरखाव नहीं किया जाता है इससे मरीज काफी परेशान हो रहे है। ऐसे में इन संस्थानों पर सवालिया निशान लगता है कि यह वार्ड तो गोद ले लेते है, लेकिन इनकी रखरखाव के लिए न तो स्वयं जिम्मेदारी पूरी करते है और न ही पीबीएम प्रशासन पूरी करता है। जहां इस अस्पताल में मरीज आते तो ठीक होने के लिए है, लेकिन अन्य बीमारी लेकर जाते है। यहां तक अस्पताल में भर्ती मरीज को अपने घर से पंखा भी साथ लेकर आना पड़ता है। खुलासा न्यूज टीम ने जब अस्पताल के इस वार्ड के हालात को देखा तो मरीज बोलने से डर रहे थे। हालांकि मरीज परेशान है, लेकिन बोल नहीं रहे है। जिस तरह से इस गर्मी व उमस में बाहर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा है तो वहीं वार्ड में लम्बे समय से एसी बंद पड़े है तो कहीं पंखे भी मरीज के अनुसार नहीं लगे है। ऐसे में भर्ती परेशान व उनके परिजन स्वयं ही घर से पंखे लेकर आते है जिससे उन्हें गर्मी व उमस से राहत मिल सकें। एक कर्मचारी ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि कई बार इस वार्ड को गोद लेने वाली संस्थान व पीबीएम प्रशासन को अवगत करवा चुके है, लेकिन वे इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। ऐसे में मरीज काफी परेशान हो रहे है। जबकि संभागीय आयुक्त व जिला कलक्टर लगातार पीबीएम में निरीक्षण कर रहे है, लेकिन इस वार्ड की ओर अभी तक कोई भी अधिकारी सूध लेने नहीं पहुंचा है। इन दिनों बारिश की वजह से मौसमी बीमारियां बढ़ गई है। जिनमें खांसी, बुखार व जुखाम व पेटदर्द के मरीज लगातार बढ़ रहे है। ऐसे में इस वार्ड में भर्ती मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। यहां अव्यवस्थाओं को देखते हुए मरीज ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों की ओर रूख कर रहे है। जहां सरकार फ्री इलाज देने की घोषणा कर चुकी है, लेकिन मरीजों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल रही है।

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