भजनलाल कैबिनेट की बैठक : पंचायत-पंचायत समितियों और जिला परिषदों का होगा पुनर्गठन, खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़े जाएंगे नए लोग, एसफाई भर्ती को लेकर नहीं हुआ फैसला

भजनलाल कैबिनेट की बैठक : पंचायत-पंचायत समितियों और जिला परिषदों का होगा पुनर्गठन, खाद्य सुरक्षा योजना में जोड़े जाएंगे नए लोग, एसफाई भर्ती को लेकर नहीं हुआ फैसला

खुलासा न्यूज नेटवर्क। भजनलाल सरकार ने गहलोत राज में बने 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों (पाली,सीकर, बांसवाड़ा) को खत्म कर दिया है। शनिवार को कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई बड़े फैसले किए। बैठक में पंचायत, पंचायत समितियों और जिला परिषदों का पुनर्गठन करने का निर्णय किया। साथ ही समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) का स्कोर एक की जगह तीन साल तक मान्य रखने पर फैसला हुआ। खाद्य सुरक्षा योजना में नए लोग जोड़े जाएंगे, 3 महीने के लिए अभियान चला कर नए नाम जोड़े जाएंगे। सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती को लेकर बैठक में फैसला नहीं हुआ। कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि एसआई भर्ती का प्रकरण आज के एजेंडे में नहीं था, मामला कोर्ट में लंबित है।

ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद का होगा पुनर्गठन

कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद कहा कि हम ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद का पुनर्गठन करेंगे। सामान्य इलाकों में 2019 में कम से कम 4000 और अधिकतम 6500 जनसंख्या पर एक पंचायत बनती थी । इसमें अब हमने 4000 की जगह 3000 और 6500 की जगह 5500 कर दिया है। अब 3000 की आबादी पर एक पंचायत बनेगी। सामान्य जिलों के अलावा दूसरे जिले हैं, वहां न्यूनतम जनसंख्या 2000 कर दी है। कानून मंत्री ने कहा कि एक पंचायत समिति में करीब 40 ग्राम पंचायत होती है, 40 पंचायत को मिलकर एक पंचायत समिति बनती है। अब 40 के स्थान पर 25 ग्राम पंचायत पर ही एक पंचायत समिति बन सकेगी। जिला परिषदों के पुनर्गठन में मापदंड वही रहेंगे।

20 दिन के अंदर-अंदर मंगवाएंगे पुनर्गठन के प्रस्ताव

जोगाराम पटेल ने कहा कि पंचायत पुनर्गठन के लिए हम 20 दिन के अंदर-अंदर प्रस्ताव मंगवाएंगे। कलेक्टर उसको एग्जामिन करेंगे और सरकार उनकी सुनवाई करेगी। 10 दिन में सुनवाई करने के बाद कमेटी उसका निर्णय करेगी यह हमारी प्रक्रिया रहेगी।

प्रदेश में सरपंच और प्रधान ज्यादा होंगे

पंचायतों, पंचायत समितियों के पुनर्गठन करने से अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों की संख्या बढ़ेगी। इससे सरपंच और प्रधानों की संख्या बढ़ेगी। पंचायत चुनावों में इस बार ज्यादा प्रधान और सरपंच बनेंगे।

पंचायत पुनर्गठन से वन स्टेट-वल इलेक्शन के लिए समय मिलेगा

पंचायतों के पुनर्गठन से सरकार को वन स्टेट-वन इलेक्शन के लिए समय मिल जाएगा। 5 साल में चुनाव कराने के संवैधाानिक प्रावधान के चलते लंबे समय तक चुनाव आगे नहीं बढ़ सकते और सरकार लंबे समय तक चुनाव टालती है तो कोर्ट में रोक लग सकती है। लेकिन पंचायत पुनर्गठन सरकार के लिए चुनाव टालने का कानूनी हथियार बन जाएगा। सरकार कोर्ट में पंचायत पुनर्गठन का हवाला देकर चुनाव को कुछ समय आगे बढ़ा देगी। जनवरी में करीब 6789 पंचायतों के चुनाव बाकी हैं, सरकार इनके चुनाव आगे टालना चाहती है। अब पंचायतों, पंचायत समितियों, जिला परिषदों के पुनर्गठन का तर्क देकर चुनाव आगे खिसकाया जा सकेगा।

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