
प्रेमियों के लिए सबसे अच्छा व्रत, शिव-पार्वती की पूजा से पूरी होगी मनोकामना






जयपुर। मार्गशीर्ष अथवा अगहन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को अनंग त्रयोदशी कहा जाता है. इस दिन व्रत रखा जाता है और शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। इसे प्रदोष व्रत भी कहते हैं। प्रेमियों के लिए अनंग त्रयोदशी का व्रत बहुत अहम है। इस दिन व्रत रखते हुए भगवान शिव तथा माता पार्वती की पूजा करने से प्रेम संबंधों में सफलता प्राप्त होती है। इसके साथ ही अनंग त्रयोदशी पर कामदेव तथा रति की पूजा भी फलदायी मानी जाती है। ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि मार्गशीर्ष मास के अलावा चैत्र मास में भी अनंग त्रयोदशी का व्रत आता है। इस त्रयोदशी पर प्रदोष काल में शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है। इस बार मार्गशीर्ष यानि अगहन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 दिसंबर को है. इस दिन अनंग त्रयोदशी व्रत एवं पूजा की जाएगी. स्वयं शिवजी ने अनंग त्रयोदशी व्रत की महत्ता बताई थी अनंग त्रयोदशी पर पूरे दिन उपवास रखते हैं और शाम को ही पूजा के बाद भोजन ग्रहण करते हैं। संतान सुख के लिए भी यह व्रत बहुत उत्तम माना जाता है. इसके लिए त्रयोदशी पर माता पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें। शिवजी को बेल पत्र अर्पित कर भांग, धतूरे आदि का भोग लगाएं। भगवान शिव और माता पार्वती को सफ़ेद फूल, सफ़ेद मिठाई अर्पित करें और ओम नम: शिवाय मंत्र का अधिक से अधिक जाप करें। शीघ्र विवाह के लिए शिवलिंग पर सिंदूर और सफेद फूल चढ़ाएं। जल में गुड़ घोलकर 13 बेलपत्रों के साथ शिवजी का अभिषेक करें। प्रेम संबंधों में सफलता के लिए शिव-पार्वती की पूजा के साथ रति और कामदेव की भी पूजा अर्चना करें। दिनभर उपवास रखें या केवल फलाहार करें। शाम को किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं या दान दें। खुद शिवजी ने रति को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जो इस दिन शिव-पार्वती के साथ रति-कामदेव की पूजा करेगा, उनके प्रेम संबंध मधुर बने रहेंगे।


