Gold Silver

मान्यताएं : पौष मास में सूर्य पूजा की परंपरा

अभी पौष मास चल रहा है, इस माह में सूर्य पूजा करने की परंपरा है। शास्त्रों में पंचदेव बताए गए हैं, जिनकी पूजा रोज करनी चाहिए। पंचदेव की पूजा के बिना कोई पूजन-कर्म पूरा नहीं माना जाता है। ये पंचदेव हैं- शिव जी, विष्णु जी, गणेश जी, देवी दुर्गा और सूर्य देव। ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों का अधिपति माना जाता है।

 ज्योतिषाचार्य पं. के अनुसार सूर्य एक वर्ष में 12 बार राशियां बदलता है। ये ग्रह करीब एक माह एक राशि में रुकता है। जब सूर्य का राशि परिवर्तन होता है तो उस स्थिति को संक्रांत कहा जाता है। सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा तो उसे मकर संक्रांति (14 जनवरी) कहा जाता है।

पौष मास में ठंड पूरे प्रभाव होती है। इन दिनों में शरीर को ठंड से लड़ने की शक्ति मिलती रहे, इसके लिए खाने में तिल-गुड़ खासतौर पर शामिल किए जाते हैं। तिल-गुड़ से मौसमी बीमारियों से लड़ने की शक्ति शरीर को मिलती रहती है।

Join Whatsapp 26