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प्रवासी राजस्थानियों को लेने कोलकाता गईं बसों को बैरंग लौटाया

जयपुर। कोरोना संकट के चलते दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी राजस्थानियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। डेढ़ माह से ज्यादा समय से दूसरे राज्यों में फंसे रहे। राज्य सरकार ने सुध ली तो दूसरे राज्य सहयोग नहीं कर रहे हैं। ऐसा एक मामला पश्चिम बंगाल का भी सामने आया है, जहां अकेले कोलकाता शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी राजस्थानी फंसे हुए हैं।
इनमें पांच सौ से ज्यादा प्रवासी अकेले जालोर जिले से हैं, जो अपने घर वापस आना चाहते हैं, लेकिन ममता सरकार इनका सहयोग नहीं कर रही हैं। राजस्थान सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेने के लिए बसें भेजीं तो पश्चिम बंगाल सरकार ने उन्हें बैरंग वापल लौटा दिया। चार दिन पहले पहुंची थी बसें प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि कोलकाता में पांच सौ से ज्यादा प्रवासी राजस्थानी हैं, यहां आने के लिए गहलोत सरकार से गुहार लगाई, सीएम ने संवेदना दिखाते हुए जालोर से 15 रोडवेज की बसों को परमिशन के साथ कोलकाता भेजा। पहले दो दिन कोलकाता प्रशासन के अधिकारी टालमटोल करते रहे और सोमवार रात प्रवासी राजस्थानियों को भेजने से इनकार कर दिया। प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि उन्होंने इसे लेकर कोलकाता प्रशासन से खूब गुहार लगाई लेकिन उनकी मांग को अनसुना करते हुए खाली बसों को ही वापस भेज दिया। प्रवासी राजस्थानियों ने बताया कि यहां उनकी देखभाल भी सही से नहीं हो रही हैं न ही सरकार की उनकी बात सुन रही है।
इनका कहना है  हमें लेने के लिए जालोर से 15 बसें आईं थीं, लेकिन कोलकाता प्रशासन ने उन्हें बैरंग लौटा दिया। अब हम अपने घर वापस कैसे आएं? राजस्थान सरकार को ममता सरकार से बात करनी चाहिए।

संतोष राज पुरोहित व्यापारी, कोलकाता

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