
आप भी कुछ खरीदने से पहले ऑनलाइन रेटिंग पर करते हैं भरोसा तो रहें सावधान






क्या आप ऑनलाइन खरीदारी करने या कोई भी होटल, रेस्तरां में जाने से पहले या किसी भी अन्य वस्तु को खरीदने से पहले उसकी रेटिंग्स और रिव्यूज को देखते हैं। इसके बाद उन चीजों की खरीद करते हैं तो आपको बता दें कि ये रेटिंग्स और रिव्यूज फेक भी हो सकते हैं। कई बार कंपनियां ऑनलाइन प्लेटफार्म पर अपनी रेपो बढ़ाने के लिए फेक रेटिंग्स और गलत रिव्यूज लिखवाती हैं। इससे कंपनियों को तो फाइव स्टार रेटिंग मिल जाती है, लेकिन ग्राहक ठगे जाते हैं।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के अनुसार कई वेबसाइट्स व ऐप्स लोगों को लुभाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक, ज्वैलरी, कपड़े और अन्य प्रोडक्ट्स पर बंपर डील ऑफर करते हैं। ये साइट्स अक्सर पॉलिश किए गए स्टोरफ्रंट और पॉजीटिव रिव्यू दिखाती हैं जबकि सारे रिव्यूज और कस्टमर रेटिंग फेक होते हैं। हालांकि, जब भी यूजर कोई प्रोडक्ट ऑर्डर करता है, तो उसे या तो फेक आइटम या फिर कुछ भी डिलीवर नहीं किया जाता है। इसके लिए ना तो ऐसी वेबसाइट्स पर और ना उनके रिव्यूज पर भरोसा करें। फेक रिव्यूज पहचानने के लिए फेक स्पॉट और द रिव्यू इंडेक्स जैसी कई साइट्स भी हैं, जो फेक रिव्यू की पहचान करने में मदद करती है।
एक सर्वे के अनुसार 95 प्रतिशत लोग फाइव स्टार रेटिंग वाले उत्पाद पर भरोसा करते हैं, जबकि 96.3 प्रतिशत ग्राहक 4 से 5 स्टार वाले उत्पादों पर भरोसा करते हैं। हालांकि, एक बार जब रेटिंग गिरकर तीन स्टार हो जाती है, तो केवल 28.7 प्रतिशत ग्राहकों का कहना है कि वे उत्पाद पर भरोसा करेंगे। तीन स्टार रेटिंग से कम वाले उत्पादों के लिए विश्वास कुछ भी नहीं है। सर्वे में ये भी सामने आया कि 44.9 प्रतिशत लोग रिव्यूज और रेटिंग्स पढ़ना बहुत जरूरी मानते हैं।


