
बार एसोसिएशन बीकानेर ने हाइकोर्ट बैंच सहित विभिन्न मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन





बीकानेर। कोल्हापुर में 18 अगस्त से हाईकोर्ट बैंच स्थापित होने के साथ ही बार एसोसिएशन, बीकानेर द्वारा कोल्हापुर की तर्ज पर बीकानेर संभाग मुख्यालय पर हाइकोर्ट की बैंच स्थापित करने हेतु सोमवार को अधिवक्ताओं द्वारा न्यायालयों में पैरवी स्थगित रखी जाकर प्रोटेस्ट डे मनाया गया। बार एसोसिएशन बीकानेर के मीडिया सचिव अनिल सोनी एडवोकेट ने बताया कि बार एसोसिएशन, बीकानेर के अध्यक्ष विवेक शर्मा के नेतृत्व में बार एसोसिएशन, बीकानेर द्वारा राष्ट्रपति,मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं माननीय विधि मंत्री भारत सरकार को जरिये जिला कलेक्टर, बीकानेर के मार्फत 188 वाँ ज्ञापन प्रेषित किया गया। अध्यक्ष विवेक शर्मा ने ज्ञापन देते हुए कहा कि बीकानेर के वकील पिछले 16 वर्षों से लगातार हाइकोर्ट बैंच स्थापित करने की मांग करते आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पूर्व सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी याई चंद्रचूड़ एवं विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा बीकानेर में हाई कोर्ट बेंच स्थापित करने की घोषणा की गई थी लेकिन बावजूद इसके आज दिनांक तक बीकानेर को हाईकोर्ट बैंच से वंचित रखा जा रहा है जबकि कोल्हापुर में आज ही के दिन महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाईकोर्ट बेंच स्थापित की जा रही है जिसके अनुपालन में ही बीकानेर संभाग के वकीलों कि प्रमुख मांग है कि जल्द से जल्द बीकानेर में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित हो। इसके साथ ही बार एसोसिशन, बीकानेर द्वारा पुलिस अधीक्षक बीकानेर को भी एक ज्ञापन मोटर वाहन दुर्घटना प्रकरणों में पुलिस द्वारा देरी से पेश किये जाने वाले चालान के संबंध में प्रस्तुत किया गया। बार काउंसिल सदस्य कुलदीप शर्मा एवं सचिव विजयपाल बिश्नोई ने बताया कि दुर्घटना प्रकरणों में पुलिस द्वारा चालान 5-6 महिने में प्रस्तुत किये जाते हैं तथा एम.वी. एक्ट के प्रकरणों को दुर्घटना से 6 महिने तक प्रस्तुत किये जाने होते हैं जो चालान के अभाव में प्रस्तुत नहीं किये जा सकते। इस हेतु तमाम पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि दुर्घटना प्रकरणों में 2 से 3 माह में चालान प्रस्तुत करें। इस दौरान सभापति कमलचंद सिपानी, मुमताज भाटी, अनिल सोनी, बजरंग छींपा,हरि सारस्वत, संदीप स्वामी, तेजकरण राठौड़, रणजीत सिंह,राजपाल सिंह राठौड़, नवनीत नारायण व्यास, रवैल भारतीय,प्रशांत कच्छावा, गणेश टाक,चतुर्भुज सारस्वत, विनय मदान,महक घीया, जुगल किशोर कनवाडिय़ा सहित सैंकड़ों अधिवक्ता शामिल हुए।

