राजस्थान से बुरी खबर, तीन डॉक्टर समेत छह कोरोना पॉजिटिव मिले, सीमा को किया सील

राजस्थान से बुरी खबर, तीन डॉक्टर समेत छह कोरोना पॉजिटिव मिले, सीमा को किया सील

खुलासा न्यूज़, भीलवाड़ा। जिले के लिए बुरी खबर है। चीन से आए कोरोना वायरस का संकट अपने शहर में आ चुका है। भीलवाड़ा से जिन 27 संदिग्ध रोगियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें से 6 रोगियों के नमूने कोरोना वायरस के पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें तीन चिकित्सक शामिल है। कोरोना वायरस संक्रमण के छह केस पॉजीटिव निकलने के बाद भीलवाड़ा शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। शहर में हड़कम्प मच गया तथा बाजार बन्द करवा दिए। आरसी व्यास कॉलोनी स्थित बृजेश बांगड़ मेमारियल हॉस्पिटल को बंद करने की सिफारिश की गई है। इस निजी अस्पताल में भर्ती लगभग 35 रोगियों में से कुछ को सामान्य होने पर छुट्टी दे गई जबकि 5-10 गंभीर रोगियो को अलग-अलग वार्डो में रखा गया है। जिन्हें अब अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। दोपहर बाद से बांगड़ अस्पताल के आसपास के एक किलोमीटर क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया। जिला प्रशासन ने शहर में कफ्र्यू लगाते हुए बाजार भी बंद करवा दिए।<

प्रदेश में सर्वाधिक कोरोना के संदिग्ध 25 केस
भीलवाड़ा में सामने आने के बाद से ही पुलिस व प्रशासन में हड़कंच मचा है। सूत्रों के अनुसार छह मरीज के कोरोना वायरस के पॉजीटिव होने की जानकारी आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला कलक्टर राजेन्द्र भट्ट से अब तक की स्थिति की जानकारी ली। गहलोत के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉण् रघु शर्मा भी थे। उधर, उदयपुर से आई आरआरटी टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री के नाम बनाकर जिला कलक्टर को सौप दी है। रिपोर्ट में बांगड़ अस्पताल को बन्द करने की सिफारिश की गई है। अस्पताल में कार्यरत सभी 375 कर्मचारियों तथा वरिष्ठ चिकित्सक के सम्पर्क में आए 5088 रोगियों की स्क्रीनिंग के आदेश दिए है। उसके बाद से अस्पताल में भर्ती समान्य रोगियों को एकण्एक करके अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। गंभीर रोगियों को फिलहाल अलग.अलग वार्ड व कक्ष में रखा जा रहा है। उनकी स्थिति सामान्य होने पर अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा।

निजी अस्पताल की रही लापरवाही
गौरतलब है कि बांगड़ अस्पताल में पिछले सप्ताह बापूनगर के एक संदिग्ध रोगी भर्ती हुआ था। उसका उपचार वरिष्ठ चिकित्सक ने निमोनिया का रोगी मानते हुए किया। रोगी बाद में जयपुर के एक निजी चिकित्सालय में भर्ती होने तथा वहा भी उसकी तबीयत में सुधार नहीं होने पर भीलवाड़ा आ गया था। उसकी बाद में घर पर मौत हो गई थी। उसके बाद से ही निजी अस्पताल के डाक्टर सहित अन्य कर्मचारियों में हड़कम्प मच गया। यह सभी एक.एक करके महात्मा गांधी चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हो गए। इसकी सूचना अस्पताल प्रशासन को भी नहीं लगी। बाद में अस्पताल प्रशासन ने भी इसमें ढिलाई की है

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