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दुभार्गय बीकानेर का: चार मंत्री होने के बाद विकास की बाट जोहकर खून के आंसू सो रहा बीकाणा

शिव भादाणी

बीकानेर। शहरवासियों को उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा है जब बीकानेर जिले के जन्में तीन विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंत्री बनाया और मोदी सरकार ने एक सांसद को मंत्री का पद दिया तो बड़ी उम्मीद थी इन चारों राजनीतिज्ञों से और मंत्रियों से की अब बीकानेर शहर स्मार्ट सीटी में नाम आयेगा लेकिन कहते ही काम करने की इच्छा शक्त होनी चाहिए ऐसा कोई काम नहीं हुआ कि इन चारों मंत्रियों को जन्मों जन्मों तक यादि किया जाता लेकिन इन मंत्रियों को कोई काम नहीं करवाया है शहर की छोटी मोटी समस्याओं को भी दूर नहीं कर सके है। जिसमें ऊर्जा मंत्री व शिक्षा मंत्री आपदा मंत्री तीनों के पास बड़े विभाग सौेपे गये है अगर शिक्षा मंत्री स्वयं बीकानेर शहर की सरकारी स्कूलों का निरीक्षण करें तो उन्हें सच्चाई से रुबरु होगें शहर के कई ऐसे स्कूल है जिनको सरकार ने 12वीं तक तो कर दी लेकिन कमरें वहीं आज तीन तीन चार कमरों में बच्चे कैसे पढ़ेंगे कुछ स्कूल तो ऐसी है जहां पर बरसात के दिनों में बच्चे डर के मारे स्कूल नहीं आते है कब गिर जाये या उसमें पानी भर जाये।मंत्रीजी की सोच के अनुरुप के बीकानेर जिले में अंग्रेजी शिक्षा का प्रसार प्रचार होनी चाहिए और उन्होंने शहर में कई इलाकों में अंग्रेजी स्कूल खोल दी लेकिन जो स्कूलें है उनके

हालात देखों आज भी सरकार स्कूलें विकास के बाट जोह रही है। तीनों मंत्रियों के पास बड़े बड़े विभाग होने के बाद आज तक ऐसा कोई काम नहीं करवाया कि बीकानेर की जनताइनको युगों युगों तक याद करें। शहर की सडक़ें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है अगर कोठारी अस्पताल, बंगलानगर, मोहता की सराय,गंगाशहर, जस्सूसर गेट आदि ऐसे इलाके है जहां सडक़ पूरी तरह टूटी चुकीहैजगह जगह दो फुट तक के खड्डे हो चुके है जहां हर समय हादासा होने के डर रहता है।आपदा मंत्री के जिले में बरसात से हालात दर से बदत्तर हो चुके है ग्रामीण इलाकों में बारिश से पानी भर जाने से आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभी तकऐसे कोई प्रयोग नहीं किये कि अगर बीकानेर शहर या ग्रामीण इलाकों में भारी बारिश हो जाये तो कैसे आमजन को राहत दी जाये। पिछले 15 दिनों से लगातार बारिश हो रही है लोगोंके घरों व दुकानों तक पानी में डूब चुके है।सांसद के क्षेत्राधिकारी में पूरा संभाग आता है लेकिन दो बार जीतने के बाद भी आज तक उन्होने बीकानेर में ऐसी कोई बड़ी कंपनी नहीं लेकर आये या कोई बड़ा प्रोजक्ट की जिससेबेरोजगारों को रोजगार मिल सके। जिस तरह से आमजन की पीड़ा को जाने तो अब आमजन मुड बना चुकी है कि चुनाव के समय किस तरह से वोट करना है।पक्ष के साथ विपक्ष भी निष्क्रिय बैठा है
अगर देखा जाये तो शहर का कोई मालिक नहीं है नगर निगम में महापौर पिछले काफी दिनों से अचानक गायब है बारिश का मौसम है शहर के नीचले इलाकों में बने लोगों केआशीयानें पानी से घिरे गये उनके कई परिवार पिछले दो चार पांच से अपने घरों में कैद है लेकिन महापौर साहिबा अभी तक किसी भी निचले इलाकों का निरीक्षण नहीं किया है वहांपर रहने वालों की क्या सहायता हो सकता है अगर निगम प्रशासन नहीं करवाता है जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत कार्य अपने हाथ में लेकर पानी से घिरें मकानों के अंदर सेपरिवारों को बाहर निकाला।
दिये तले अंधेरेमहापौर शहर क्या संभालेंगी उनका तो स्वयं का ऑफिस भी बरसात के पानी पर भर जाता है तो शहर की क्या हालात होंगे आप देख लो नगर निगम के आस पास के इलाके पूरी तरहपानी में डूब जाते है। आज तक उस पानी का निकासी का कोई स्थाई समाधान नहीं निकल रहा है।ऊर्जा मंत्री को ग्रामीणों को बहुत उम्मीद थी कि अब हमारे को लाईट पूरी मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ है क्योकि ऊर्जा मंत्री ने एक दो गांवों की छोडक़र कही पर भी ऐसा बड़ा काम नहीं किया है। सूरसागर के आज तक करोड़ों रुपये खर्च हो गये लेकिन आज भी बारिश का पानी सूरसागर में जाता है हर बार करोड़ों रुपये का बजट इस सूरसागर पर खर्च किया जाता है लेकिन स्थिति वहीं ढाक के तीन पात
अभी आई बारिश में फिर वहीं बात सूरसागर के पेडियों के बीच में पानी का झरना बहने लगा जूनागढ़ की खाई का पानी सूरसागर में आ रहा है इसको आज तक रोका नहीं गया इसका नतीजा यह हुआ कि एकबार फिर गंदा पानी सूरसागर में चला गया है।

 

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