
होली पर बन रहे शुभ संयोग, इस बार शाम को या रात में किया जाएगा होलिका दहन






बीकानेर। सर्वार्थ सिद्धि, बुधादित्य, रवि योग में होगा होलिका दहन, बन रहे हैं कई शुभ संयोग, फाल्गुन पूर्णिमा पर 24 को होगा होलिका दहन, 25 को मनाई जाएगी धुलेंडी माघ पूर्णिमा पर होलिका रोपण के ठीक एक माह बाद यानी फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर होलिका दहन का पर्व 24 मार्च को मनाया जाएगा। वहीं, चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि पर धुलेंडी 25 मार्च को मनाई जाएगी। ज्योतिष के अनुसार, इस बार होली पर कई शुभ संयोग और ग्रह नक्षत्र की खास स्थिति बन रही है, जिससे होली पर पूजा का दोगुना लाभ मिलेगा।पं. जगदीश दिवाकर ने बताया कि फाल्गुन शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा में भद्रा रहित काल में करना शास्त्र सम्मत बताया गया है। होलिका दहन प्रदोष काल सूर्यास्त के ठीक बाद की अवधि के दौरान किया जाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस तिथि के पूर्वाद्र्ध में भद्रा अशुभ समय प्रबल रहता है। इसलिए भद्रा में किसी भी शुभ कार्य से बचना चाहिए। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, त्रिग्रही योग और बुधादित्य योग का संयोग बन रहा है।
मंदिरों में चल रही फागोत्सव की धूम
फाल्गुन के पूरे महीने में भगवान को अबीर-गुलाल की सेवा धराने की परंपरा है। बसंत पंचमी से इसकी शुरुआत की जाती है, जो फाल्गुन मास की रंग तेरस तक चलती है। इस मौके पर शहर के जगदीश मंदिर, श्रीनाथजी की हवेली आदि में फाग गायन होता है। भक्त चंग, झांझ, ढोलक, हारमोनियम आदि के सुरों पर फाग के गीत गाते हैं। वहीं, ठाकुरजी को गुलाल खेलाई जाती है। इस दौरान श्रद्धालु भगवान के संग होली खेलने के लिए मंदिर में पहुंचते हैं।
होलिका दहन पूजा शुभ मुहूर्त –
होलिका दहन 24 मार्च को रात्रि 11.15 मिनट से देर रात 12.23 मिनट तक का शुभ मुहूर्त है, जो कि भद्रा रहित है।


