
सावधान! रात में नशेड़ी दौड़ा रहे वाहन, आप खुद रहे सुरक्षित





बीकानेर। प्रदेश में सडक़ हादसे लगातार बढ़ रहे हैं लेकिन हादसों की असल वजह तेज रफ्तार व शराब पीकर वाहन चलाने के खिलाफ पुलिस सख्ती नहीं दिखा रही है। पुलिस तेज रफ्तार व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ खानापूर्ति के तौर पर कार्रवाई कर इतिश्री कर रही है। नतीजा, न दुर्घटनाएं रुक रही है ना वाहन चालकों में खौफ बन रहा है। बीकानेर रेंज में शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ 185 एमवी एक्ट में वर्ष 2022 में 2250 और इस वर्ष जनवरी से मई तक 1784 चालान बनाए हैं।
क्लब, रिसोर्ट व होटलों से निकलने वाले चालकों की अनदेखी
रात होते ही होटल, क्लब व रिसोर्टों में शराब के मयखाने लग जाते हैं। पार्टियों में भी शराब का सेवन होता है। वहीं, बीयर बार और शराब की दुकानों पर भी यही हालात हैं। पुलिस व यातायात पुलिस यदि इन जगहों के बाहर देर रात कार्रवाई करे तो शराब पीकर वाहन चलाने पर अंकुश लग सकता है।
प्रत्येक थाने में ब्रेथ एनालाइजर की सुविधा
शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय से प्रत्येक थानों में एक-एक ब्रेथ एनालाइजर मशीन दी गई है। ट्रैफिक पुलिस के पास भी 20 ब्रेथ एनालाइजर हैं। जिसकी मदद से किसी भी वाहन चालक की मौके पर जांच की जा सकती है। वहीं, अस्पताल ले जाकर रक्त जांच से भी नशे में वाहन चलाने की जांच कराई जाती है।
जानिए 185 एमवी एक्ट में क्या है प्रावधान
– किसी व्यक्ति के खून में अल्कोहल की मात्रा का विश्लेषण करने के लिए ब्रेथ एनालाइजर का उपयोग किया जाता है। प्रति 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम से अधिक अल्कोहल पाया जाता है तो वह व्यक्ति नशे में वाहन चलाने या प्रभाव में ड्राइविंग करना माना जाता है। ड्रग्स के सेवन में भी यही मापदण्ड लागू होता है। ऐसे व्यक्ति को वाहन चलाने में असमर्थ और नियम तोडऩे वाला माना जाता है।
– एमवी एक्ट 2016 के संशोधन अधिनियम के तहत शराब पीकर वाहन चलाने पर जुर्माना राशि दो हजार रुपए से बढ़ाकर दस हजार रुपए की गई है। साथ ही वाहन भी जब्त किया जाता है। हालांकि ड्रंक एण्ड ड्राइव का चालान बनाए जाने पर संबंधित कोर्ट ही जुर्माना राशि तय करता है।


