
कांग्रेस के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर, क्षत्रपों ने मैदान में संभाला मोर्चा






जयपुर. राजस्थान की तीन विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Rajasthan Assembly Byelection) को जीतना सत्ताधारी कांग्रेस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. इन तीन में से दो सीटें कांग्रेस के पास थीं जिन्हें बरकरार रखना और तीसरी सीट पर भी जीत हासिल करना कांग्रेस (Congress) के लिए बड़ी चुनौती है. उपचुनाव में जीत का परचम लहराने के लिए कांग्रेस के कई क्षत्रप मैदान में डटे हुए हैं. इन सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है. प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के नाते अजय माकन (Ajay Maken) की प्रतिष्ठा का सवाल भी इससे जुड़ा हुआ है. वहीं, अप्रत्यक्ष रूप से डॉ. सी.पी जोशी की प्रतिष्ठा भी मेवाड़ क्षेत्र की दो सीटों से जुड़ी हुई है.
सहाड़ा और राजसमंद दोनों जगह पर गुर्जर समाज के वोट अपनी ताकत रखते हैं लिहाजा सचिन पायलट फैक्टर यहां अहम भूमिका निभा सकता है. कांग्रेस इन सीटों को जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है, इसके लिए पार्टी ने पूरी फौज चुनावी मैदान में उतार दी है. लेकिन कांग्रेस को यदि जीत हासिल होती है तो मुख्य भूमिका में कमान संभाल रहे इन नेताओं के सिर पर जीत का सेहरा बंधेगा और यदि हार होती है तो ठीकरा भी इनके ही माथे पर फूटेगा.
सहाड़ा विधानसभा सीट
– इस सीट पर राज्य के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर
– प्रभारी धर्मेन्द्र सिंह राठौड़, हरिमोहन शर्मा और रामसिंह कस्वा की प्रतिष्ठा भी दांव पर
– भीलवाड़ा से लोकसभा चुनाव लड़ चुके खेल मंत्री अशोक चांदना की भी साख का सवाल
– विधायक रामलाल जाट और एआईसीसी सचिव धीरज गुर्जर की भी प्रतिष्ठा दांव पर
राजसमंद विधानसभा सीट
– इस सीट पर चुनाव की कमान सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के हाथ में
– खान मंत्री प्रमोद जैन भाया की प्रतिष्ठा भी इस सीट पर दांव पर
– संगठन प्रभारी के नाते पुष्पेन्द्र भारद्वाज, आशीष परेवा और मुकेश वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर
सुजानगढ विधानसभा सीट
– इस सीट पर खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की प्रतिष्ठा दांव पर
– प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है इस सीट से
– संगठन प्रभारी के तौर पर मंगलाराम गोदारा, डूंगरराम गेदर और नौरंग वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर
– पूर्व मंत्री नसीम अख्तर, विधायक नरेन्द्र बुडानिया, कृष्णा पूनिया की साख का सवाल
– रफीक मंडेलिया, पूसाराम गोदारा, भंवरलाल पुजारी और रेहाना रियाज जैसे नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर


