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फौज ना शस्त्र फिर भी छेड़ दिया शुद्ध के लिए युद्ध,हो रही खानापूर्ति

खुलासा न्यूज,बीकानेर। त्योहारी सीजन में मिलावट पर प्रभावी कार्रवाई के लिए एक बार फिर सरकार ने शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन संसाधनों की कमी अखर रही है। ऐसे में अभियान की सफलता को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। ऐसे में अभियान में महज खानापूर्ति हो रही है। विभाग भी मौसमी बीमारियों की आड़ में बिना किसी रूपरेखा और तकमीना बनाएं आंकड़े पूरा करने में लगा है। अभियान को सुचारू रूप से चलाने के लिए चिकित्सा विभाग के एक मात्र खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर जिम्मेदारी है। जबकि गत एक दशक में विभाग की ओर से जिले में लिए गए सवा दो हजार से अधिक सैम्पलों में से प्रयोगशाला जांच में करीब 15 फीसदी अमानक भी मिले हैं। इसके बावजूद जांच करने के लिए जिले में ना लैब और ना ही पर्याप्त स्टाफ है। गौरतलब है कि मिलावटी खाद्य सामग्री की बिक्री पर प्रभावी रोकथाम के लिए फूड सैफ्टी एण्ड स्टेण्डर्ड एक्ट-2011 लागू है। इसके तहत जिले में खाद्य पदार्थों की जांच कर नमूने लेकर जयपुर जांच के लिए भेजे जाते हैं। जिले में स्टाफ की कमी से अभियान की सफलता पर प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। गौरतलब है कि जिले में खाद्य पदार्थों के सैकड़ों पंजीकृत विक्रेता एवं निर्माता हैं। वहीं कई खाद्य पदार्थ विक्रेता तो बिना पंजीयन ही कारोबार कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षित खाद्य सामग्री की बिक्री निश्चित करने के लिए प्रयोगशाला जांच के लिए सैम्पलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। स्टाफ के अभाव में यह कार्य मुश्किल हो रहा है।
इस बार प्रशासन भी नहीं शामिल
पिछले वर्ष सरकार ने अन्य विभागों के अधिकारियों को लगाकर टीम बनाई थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार प्रशासन गांवों के संग अभियान के चलते इस बार शुद्ध के लिए युद्ध का जिम्मा खाद्य सुरक्षा अधिकारी पर ही छोड़ दिया गया है। हालांकि आवश्यकता पडऩे पर रसद, डेयरी व पुलिस विभाग का सहयोग लेने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने निर्देशित किया है।

चौतरफा नहीं हो पाती कार्रवाई
अभियान के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी की टीम प्रतिदिन किसी एक क्षेत्र में ही सैम्पल लेने जा पाती है, ऐसे में जिले के अन्य हिस्सों में मिलावटखोर चैन से व्यापार करते हैं। जबकि अभियान में चौतरफ कार्रवाई होनी चाहिए। हालात यह है कि व्यापार की दृष्टि से देखे तो अभी तक एक प्रतिशत भी सैम्पिलिंग नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार मिलावटखोर इन दिनों सतर्क रहकर निगाह रख रहे हैं कि टीम किस तरफ जा रही है। ऐसे में वहां सूचना कर गड़बड़ी को छिपा लिया जाता है। अगर स्टाफ अधिक हो तो टीम जिले में हर तरफ जाकर कार्रवाई कर सकती है।
एक सप्ताह में 19 नमूने लिए
जिले में 14 अक्टूबर से शुरू किए गए शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत अब तक कुल 19 नमूने लिए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी महमूद अली ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में बीकानेर सहित दो तहसीलों में ही नमूने लिये गये है। इनमें बीकानेर से 12,कोलायत से 4 और श्रीडूंगरगढ़ से 3 दुकानों से सैम्पल लिये गये है। इन सैम्पलों में दूध,मावा,मसालों और क्रीम के सैम्पल है,जिन्हें जांच के लिये जयपुर भेजा गया है।

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