
क्या ‘रंग दे गेरुआ’ से डर गई थी टीएमसी?:अरिजीत सिंह ने अब तोड़ी चुप्पी, बोले- गेरुआ की जगह सफेद रंग होता तो क्या बवाल होता..







पिछले साल कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के दौरान अरिजीत सिंह के गाने ‘रंग दे गेरुआ’ पर विवाद हो गया था। अब इस मामले में अरिजीत का रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा है कि गेरुआ रंग संन्यासियों का है, अगर उन्होंने सफेद रंग के बोल वाले गाने गाए होते तो क्या ये बवाल होता।
दरअसल अरिजीत सिंह ने फिल्म दिलवाले के इस गाने को पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के सामने गाया था। इसके बाद अरिजीत के अगले कॉन्सर्ट को सरकार की मंजूरी नहीं मिल पाई थी। बंगाल बीजेपी के नेताओं का कहना था कि ममता सरकार गेरुआ रंग से डर गई है, इसलिए अरिजीत के कॉन्सर्ट को जानबूझ कर कैंसिल करा दिया।
अरिजीत सिंह ने अब जाकर तोड़ी चुप्पी
अरिजीत सिंह ने हाल ही में एक इवेंट में इस कॉन्ट्रोवर्सी पर बात की है। उन्होंने कहा, ‘एक रंग को लेकर इतना विवाद..। गेरुआ रंग संन्यासियों का होता है। स्वामी जी (विवेकानंद) का है। अगर उन्होंने सफेद पहना होता तो क्या सफेद रंग पर भी विवाद होता?’
हालांकि अरिजीत सिंह ने इस मामले में अब चुप्पी तोड़ी है, लेकिन उस समय इसको लेकर बीजेपी और टीएमसी आमने -सामने आ गई थी।

गेरुआ रंग से डर गई ममता सरकार?
अरिजीत का कॉन्सर्ट रद्द होने पर बीजेपी ने ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी को घेरा था। बीजेपी के नेताओं ने आरोप लगाया था कि ममता सरकार गेरुआ रंग से डर गई है, इसलिए उन्होंने कॉन्सर्ट की अनुमति नहीं दी।
वहीं दूसरी तरफ ममता सरकार का कहना था कि सुरक्षा कारणों की वजह कॉन्सर्ट को कैंसिल किया गया है। राज्य के मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा था कि G-20 की होने वाली बैठक की वजह से अरिजीत के कॉन्सर्ट को रद्द किया गया।

G-20 बैठक की वजह से कैंसिल करना पड़ा कॉन्सर्ट
फिरहाद हकीम का कहना था कि G-20 बैठक की डेट के साथ अरिजीत सिंह का कॉन्सर्ट क्लैश हो रहा था। हकीम के मुताबिक, G-20 बैठक कोलकाता के इको पार्क के नजदीक कन्वेंशन हॉल में होना था।
इस बैठक में देश-विदेश के से गेस्ट आने वाले थे इसलिए सुरक्षा को देखते हुए एक साथ दो बड़े इवेंट की परमिशन नहीं दी जा सकती थी। हमने इन्हीं वजहों से अरिजीत का कॉन्सर्ट रद्द किया। इसका किसी गाने से कोई संबंध नहीं है।

गेरुआ रंग पर नहीं है कोई विवाद..
अरिजीत सिंह के स्टेटमेंट पर टीएमसी एमएलए तापस रॉय ने फ्रेश स्टेटमेंट दिया है। उन्होंने कहा, गेरुआ रंग हमारे तिरंगे का एक हिस्सा है, इसपर कभी कोई विवाद था ही नहीं। बीजेपी हमेशा की तरह हर छोटी-बड़ी चीज को राजनीतिक रंग देती है। ये सरकार और पार्टी तय करती है कि कौन से इवेंट को परमिशन देना है या नहीं। बीजेपी का काम सिर्फ ममता बनर्जी के खिलाफ बोलना है।


