
आशंकाएं घेरती हैं : अनलॉक के बाद नजर आते कौन हैं ये लोग…?





बीकानेर । शहर में कुछ जगहों पर सड़क किनारे बैठे यह लोग कौन हैं? एकाध जगह रुक कर मैंने पूछा भी तो वे चुप्पी साध गए या कुछ ऐसा बोले जो समझ में नहीं आया। भला वे एक आम राहगीर को क्यों जवाब देंगे? हां, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी – कर्मचारी इनसे अधिकार पूर्वक पूछताछ कर सकते हैं। दरअसल इन लोगों को लेकर आशंका इसलिए उठी कि बीते दिनों से राहजनी और चोरी चकारी की वारदातें यकायक होने लगी हैं। ऐसे अनजान और निराश्रित लोगों की ओर संदेह इसलिए भी होता है कि अभी कुछ ही सप्ताह पहले तक लॉकडाउन के दौरान ऐसे लोग नजर नहीं आए। और लॉकडाउन से पहले ऐसी आपराधिक वारदातें भी अब की अपेक्षाकृत नहीं के बराबर थी। लॉकडाउन की शुरुआत में जब प्रशासन और समाजसेवियों ने भोजन सामग्री वितरित करनी शुरू की थी तब कुछ चिन्हित जगहों पर ऐसे निराश्रित लोग थे और वे बहुत पहले से भी थे जिनमें से कतिपय अब भी इधर-उधर हैं लेकिन अभी जो कुछ नई जगहों पर दिखाई देने वाले लोग हैं वे पहले नहीं होते थे। उदाहरण के तौर पर अंबेडकर सर्किल से डीआरएम ऑफिस की ओर जाने वाली सड़क के किनारे ऐसे निराश्रित लोग नजर नहीं आते थे। लेकिन अब इस सड़क किनारे भी दो तीन जगह कहीं एक तो कहीं 3-4 के ग्रुप में यह लोग डेरा जमाए हुए हैं। और भी जगहें हैं जहां ऐसे लोगों को पहली बार ही देखा जा रहा है। डीआरएम ऑफिस के पास नितांत अकेले बैठे ऐसे ही एक युवक से मैंने ही पूछा तो वह इधर-उधर देखने लगा, जवाब नहीं मिला। आशंका है तो हमें अवश्य इनसे ही पूछना चाहिए और अपने आपको आश्वस्त करना ही चाहिए। आम नागरिक की भांति हमारे मन में भी आशंकाएं पनपती हैं कि शहर में बढ़ रही चोरी की घटनाएं छीना झपटी की घटनाएं कौन लोग कर रहे हैं। क्योंकि जिन घटनाओं के बाद लोग पकड़े जाते हैं उनकी अगर पहचान मिल जाती है तो भी जो घटनाएं अभी तक सुलझी नहीं है उनके पीछे कौन लोग हैं? यह सवाल भी ऐसे अनजान लोगों के प्रति आशंका बढ़ाता है। (मोहन थानवी)

