
गहलोत-पायलट की खींचतान से कांग्रेस में अटकीं नियुक्तियां





कांग्रेस एक बार फिर बिना जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन के ही पंचायतीराज चुनावों में उतर गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के खेमों के बीच चल रही खींचतान के कारण संगठन में जिला और ब्लॉक स्तर पर अध्यक्षों की नियुक्ति अटक गई है। कांग्रेस में बिना ग्रासरूट संगठन के ही 13 महीने निकाल दिए हैं। जिला और ब्लॉकों में संगठन के बिना पार्टी चलाने का यह रिकॉर्ड है।
सचिन पायलट खेमा संगठन की नियुक्तियों में बराबर की भागीदारी चाह रहा है। प्रदेश प्रभारी अजय माकने ने 28-29 जुलाई को विधायकों के साथ दो दिन का फीडबैक लेने के बाद जिलाध्यक्षों की नियुक्ति पर भी कवायद की है। जिलाध्यक्षों की लिस्ट तैयार है, विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों की राय लेकर जिलाध्यक्षों का पैनल तैयार किया गया है। सीएम अशोक गहलोत से भी इस पैनल पर चर्चा हो चुकी है। जिलाध्यक्षों की केवल घोषणा बाकी है, लेकिन अब देरी के बाद इस पर काम फिर अटक गया है। अब कांग्रेस में सबको जिलाध्यक्षों की घोषणा का इंतजार है।
कांग्रेस में पिछले साल पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत के बाद 14 जुलाई को कांग्रेस की प्रदेश से लेकर जिला और ब्लॉक स्तर तक की कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। इस साल जनवरी में 39 प्रदेश प्रदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी, लेकिन जिला और ब्लॉक में नियुक्तियां नहीं हुईं।


