
बीकानेर: भाजपा मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों का मामला पहुंच गया जयपुर, जाने क्या है वजह






बीकानेर: भाजपा मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों का मामला पहुंच गया जयपुर, जाने क्या है वजह
बीकानेर शहर और देहात में हुए मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों का मामला अब जयपुर तक पहुंच गया है। खबर है कि प्रदेश भाजपा ने एक तीन सदस्यीय टीम बनाई है जो प्रदेश भर में हुई नियुक्तियों की जांच करेगा। शिकायतकर्ताओं को तथ्य सहित नियुक्तियों पर एतराज बताने होंगे। खबर है कि बीकानेर से भी मंडल अध्यक्ष की नियुक्तियों के कुछ फैक्ट भेजे गए हैं। अकेले बीकानेर ही नहीं बल्कि प्रदेशभर से मंडल अध्यक्ष की नियुक्तियों में गड़बड़ी की शिकायतें जयपुर पहुंची हैं। तमाम शिकायतों के बाद एक तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी के पास बीकानेर शहर के 9 मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों की भी शिकायतें हैं। एक मंडल अध्यक्ष के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन की शिकायत है। एक मंडल अध्यक्ष जो अबतक किसी पद पर नहीं रहे उनकी नियुक्ति में शामिल एक नेता करीबी रिश्तेदार हैं।
कुछ ऐसे मंडल अध्यक्षों के नाम भी भेजे गए जिनका पार्टी गतिविधियों में कोई भूमिका नहीं रही। किसी मंडल और बूथ की टीम में भी नहीं रहे पर सीधे मंडल अध्यक्ष बन गए। सवाल ये भी उठे कि प्रभारी ओंकारसिंह लखावत जो पैटर्न बता कर गए थे कि इन पेटियों से ही जिसका नाम सबसे ज्यादा होगा उनको ही मौका मिलेगा। ऐसे जमीन से जुड़े कार्यकर्ताओं की राय को साइड कैसे किया गया। सूत्र ये भी बता रहे कि अर्जुनराम मेघवाल भी खफा हैं कि शहर के 9 में से एक भी एससी का मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया गया। नाराजगी की दूसरी वजह कि उनके बीकानेर पहुंचने से पहले जानबूझकर मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई। प्रदेश अध्यक्ष तक मेघवाल की नाराजगी का असर पहुंचा है। हालांकि अभी गंगाशहर मंडल की नियुक्ति बाकी है तो अब ये ही कयास है कि वो मंडल अब एससी के कोटे में जाएगा।

