टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की आर्थिक मदद की मुख्यमंत्री को लगाई गुहार

टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की आर्थिक मदद की मुख्यमंत्री को लगाई गुहार

खुलासा न्यूज,बीकानेर। टैक्सी यूनियन कल्याण समिति,सम्पूर्ण भारत ने सीएम अशोक गहलोत को एक ज्ञापन भेजकर टै्रक्सी चालकों व स्वामियों को आर्थिक मदद देने की मांग की है। संगठन के मुख्तयार खांन की अगुवाई में जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में अवगत कराया कि कोरोनाकाल में टैक्सी का संचालन नहीं होने से चालकों व टैक्सी स्वामियों की माली हालत खराब हो चुकी है। ऐसे हालात में गाडिय़ों की किश्त जमा कराने में असमर्थ है। यहीं नहीं आर्थिक मंदी के चलते ऋण पर ली गई गाडिय़ों की किश्तें भरना भी मुश्किल हो गया है। ऐसे में गाडिय़ों की बैंक फाइनेंस किश्तों के लिये मोटोरियम कम से कम आगामी 12 से 18 महीनों तक बढ़ाने,इस अवधि का ब्याज ने लेने,कोरोना संचालकों को इमरजेन्सी सेवाओं का दर्जा देते हुए कोरोना काल में टैक्सी चलाने की अनुमति देने,दिल्ली सरकार की दर्ज पर सभी रजिस्ट्रर्ड वाहन स्वामी व चालकों के लिये प्रतिमाह 5000 प्रति माह आर्थिक सहयोग देने,टैक्सीकारों के प्रमिट और इन्सोरेंस के लिये 2 वर्ष के लिये बढ़ाने एवं बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के वन टाइम टैक्स जमा करवा चुके समस्त टैक्सी चालकों को प्रमिट इन्सोरेंस में राहत प्रदान की जावें। उधर राजस्थान प्रदेश जीप-कार-टैक्सी एकता यूनियन के पदाधिकारियों ने जिला कलक्टर के माध्यम से पत्र भेजकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समक्ष टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की आर्थिक मदद करने की गुहार लगाई है। पत्र में अवगत कराया गया है कि कोरोना महामारी के चलते पिछले सवा साल से लगी विभिन्न पाबंदियों के कारण कार-जीप-टैक्सी व्यवसाय ठप्प पड़ा है। जिसके चलते टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों की माली हालत खस्ता है। इस संंबंध में यूनियन पदाधिकारियों ने अनेक बार प्रशासनिक अधिकारियों के मार्फत मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी बात रखने के लिए कहा लेकिन किसी भी अधिकारी ने समय नहीं दिया और न ही मुख्यमंत्री से मिलने दिया। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष हीरालाल विश्नोई ने कहा कि सरकारी की तरफ से यदि कोई मदद नहीं मिल पाती है तो टैक्सी मालिकों व ड्राइवरों के परिवारों का पालन पोषण भी मुश्किल हो जाएगा। यूनियन ने पत्र में नौसूत्री मांगें भी रखी हैं जिनमें उनके वाहनों की किस्तों को आगामी 12 महीनों के मोरटोरियम का लाभ देकर आगे बढ़ाने, बढ़ाए गए मोरटोरियम पर ब्याज माफ करने, टैक्सी करों पर जो 9 से 18 प्रतिशत ब्याज लिया जा रहा है उसे अधिकतम 6′ प्रतिशत करने, टैक्सी कारों के परमिट को 2 वर्षों तक बढ़ाए जाने आदि की मांग की गई है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र ही कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो सभी संगठन सहमति अनुसार पूरे राजस्थान में अपने वाहनों की चाबियां आरटीओ विभाग को सौंप देंगे।

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