अंधेर नगरी चौपट राजा : बीकानेर सीएमएचओ ने एक डॉक्टर को बनाया बलि का बकरा, यह भी जानें कलेक्टर साहब

अंधेर नगरी चौपट राजा : बीकानेर सीएमएचओ ने एक डॉक्टर को बनाया बलि का बकरा, यह भी जानें कलेक्टर साहब

खुलासा न्यूज़, बीकानेर। अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत इन दिनों चिकित्सा विभाग पर सटीक बैठ रही है। एक कर्मवीर चिकित्सक अवकाश पर होने के बावजूद भी विभाग द्वारा एपीओ कर दिया जाता है। ऐसा ही माला सामने आया है अरजनसर में कार्यरत डॉ. पंकज महला को एपीओ करने पर। हुआ कुछ यूं कि दिवाली से पहले अरजनसर-पल्लू मेगा हाइवे पर सड़क हादसे में हुए घायलों को तीन अस्पतालों में ले जाने के बाद भी इलाज नहीं मिलने से एक घायल की जान चली गई। इस मामले में लोगों ने आक्रोश जताते हुए प्रदर्शन किया था। इस पर जिला कलक्टर ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा सीएमएचओ को सौंपा था और सीएमएचओ ने बिना कोई जांच-पड़ताल किए बिना कोई संबंधित केन्द्र का रिकॉर्ड देखे और बिना किसी संबंधित पक्ष से बातचीत किए मनमानी कार्यवाही करते हुए डॉ. पंकज महला को एपीओ कर दिया। मजे की बात तो यह कि सीएमएचओ जैसे उच्चाधिकारी ने संबंधित पक्षों का बयान भी नहीं लिए । पड़ताल में सामने आया कि कि चिकित्सा प्रभारी पंकज महला उस दिन अवकाश पर थे। पड़ताल में सामने आया कि डॉ. महला ने 12 नवम्बर को ही ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी को लिखित में व ई-मेल से प्रार्थना-पत्र भेजकर तीन दिन का मुख्यालय छोडऩे का अवकाश ले रखा था और उपस्थिति पंजिका में अवकाश लगा है। हैरान करने वाली बात है कि जिला सीएमएचओ ने चिकित्सा प्रभारी को एपीओ करने से पहले चिकित्सक एवं ब्लाक सीएमएचओ से चर्चा तक नहीं की। इतना ही नहीं उपस्थिति पंजिका भी नहीं देखी गई। इसी से प्रकरण एकतरफा दिख रहा है। अब देखना होगा कि जिला कलेक्टर चिकित्सा विभाग की इस अंधेरगर्दी की गर्द कितनी दुर कर पाते है और अवकाश पर होने के बावजूद भी सजा पा रहे कोरोना कर्मवीर डाक्टर पंकज महला को कितना इंसाफ दिलवा पाते है।

 

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