एम्बुलेंस कर्मियों ने गहलोत सरकार को दी 12 अक्‍टूबर से प्रदेश व्‍यापी हड़ताल की चेतावनी

एम्बुलेंस कर्मियों ने गहलोत सरकार को दी 12 अक्‍टूबर से प्रदेश व्‍यापी हड़ताल की चेतावनी

जयपुर। राजस्‍थान की अशोक गहलोत सरकार इस समय कोरोना वायरस की महामारी से निजात पाने के लिए पूरा दमखम लगा रही है, लेकिन इस बीच एम्बुलेंस कर्मियों ने अपनी मांग नहीं मामने पर 12 अक्‍टूबर से प्रदेश व्‍यापी हड़ताल की चेतावनी देकर नई परेशान खड़ी कर दी है. कोरोनकाल में हड़ताल की घोषणा राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन की प्रदेश स्तरीय बैठक के बाद की गई है. राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमारी 108 एम्बुलेंस के संचालन के लिए निकाली गई निविदा में संशोधन के अलावा कई मांगें हैं और सरकार ने बात नहीं मानी तो प्रदेश व्‍यापी हड़ताल शुरू कर दी जाएगी.
राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन की ये हैं मांगें
राजस्थान एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि निविदा में संशोधन के अलावा एम्बुलेंस कर्मियों का वेतन हर साल 10 फीसदी बढ़ाने और 20 लाख रुपये का दुर्घटनाबीमा कराने की सरकार से हमारी गुजारिश है. साथ ही कहा कि हमने सरकार के सामने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार सितंबर के वेतन 20 प्रतिशत बढ़ाकर देने की मांग भी रखी है. यही नहीं, राज्यसरकार द्वारा संविदा कर्मचारियों के लिए बनाई गई कमेटी में एम्बुलेंस कर्मचारियों को भी शामिल करने के लिए पत्र लिखने और उस पत्र की एक कॉपी एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन को भी देने की मांग की गईहै.
हालांकि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कोरोनो वायरस संक्रमण के प्रसार की जांच के लिए जागरूकता अभियान शुरू करने के केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसके सिर्फ जन आंदोलन की मदद से हराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही यह मुहिम छोड़ रखी है और वह सफलतापूर्वक चल रही है. गहलोत ने ट्वीट किया कि यह अच्छा है कि केंद्रसरकार कोविड-19 के खिलाफ जन जागरूकता अभियान शुरू करेगी. राजस्थान में हमने पहले ही इस तरह का अभियान कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन दो अक्टूबर गांधी जयंती पर शुरू किया, जो सफलतापूर्वक चल रहा है.उन्होंने कहा कि इस मुहिम के जरिये जनता को जो संदेश दिया गया है उसमें बताया गया है कि हमें वायरस से डरने की नहीं बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है. इस जन आंदोलन के परिणामस्वरूप ज्यादा से ज्यादा लोगों ने मास्क पहनना शुरू किया, दो गज की दूरी के नियम का पालन करने लगे और स्वयं भी बार-बार हाथ धोते हैं और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.

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