
सीएम साब फील्ड रिपोर्टर्स की ओर भी ध्यान दो





बीकानेर। कोविड 19 में चल रहे युद्व में सरकार के साथ मिलकर कार्य करने वाले पत्रकारों के बारे में सोचने को लेकर पत्र मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्लब के अध्यक्ष अनुराग हर्ष ने लिखा है। हर्ष ने पत्र मे बताया कि पत्रकारों के प्रति आपकी सहृदयता भी जगजाहिर है। इसके लिए पत्रकार प्रति कृतज्ञ है।
राजस्थान में अधिस्वीकृत पत्रकारों को ही तमाम तरह की सुविधाएं दी जाती है, जबकि फिल्ड में काम करने वाले अधिकांश पत्रकार गैर अधि स्वीकृत है। ऐसे पत्रकारों के प्रति सरकार को सहृदयता रखनी होगी। यह पत्रकार न सिर्फ छोटे व मंझले समाचार पत्रों में बल्कि राज्य के प्रमुख समाचार पत्रों में भी कार्यरत है। खासकर रिपोर्टर व फोटो जर्नलिस्ट इन दिनों कोविड-१९ की लड़ाई में सरकार के साथ खड़े नजर आते हैं। जिन क्षेत्रों में सिर्फ चिकित्सकों व पुलिसकर्मियों को आने जाने दिया जा रहा है, उसी क्षेत्र में फोटो जर्नलिस्ट भी पहुंच रहे हैं। रिपोर्टर पहुंच रहे हैं। आज जब सभी लोग लॉकडाउन में अपने घरों में राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं, ऐसे में पत्रकार व फोटो जर्नलिस्ट सड़कों पर रहकर एक एक खबर जनता तक पहुंचा रहे हैं। इनमें ९५ फीसदी गैर अधिस्वीकृत है। राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त समाचार पत्र मालिकों से उन पत्रकारों की सूची ली जाए जो इन दिनों फिल्उ में काम कर रहे हैं। जो पत्रकार नियमित रूप से काया्र्रलय में आकर संपादकीय कार्य कर रहे हैं। उन सभी को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। यह राशि सीधे उनके बैंक खातों में डाली जाए। बड़ी संख्या में छोटे व मंझले समाचार पत्रों की हालत खराब हो चुकी है। कोविड १९ के कारण न विज्ञापन है न प्रतियां ही पूरी बिक पा रही है। ऐसे में उन्हें वेतन की समस्या भी आने वाली है। ऐसे में पत्रकारों को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए। ताकि अगले तीन महीने तक वो अपने घर को चला सकें। न्यूज पोर्टल से जुड़े पत्रकार भी इन दिनों फिल्ड में अथक मेहनत कर रहे हैं। उन्हें भी सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की रिपोट्र्स के आधार पर आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए। इस दौर में गैर अधिस्वीकृत पत्रकारों के सामान्य कागजात लेकर उन्हें अधीस्वीकृत करने की कृपा करें। पुलिस वेरिफिकेशन व अन्य प्रक्रियाओं के कारण यह काम काफी विलम्ब से होता है। ऐसे में जिला कलक्टर व सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के माध्यम से अधिस्वीकरण तुरंत अविलम्ब किया जाए। पत्रकारों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें आर्थिक सहायता देंगे तथा अधिस्वीकरण की प्रक्रिया को शिथिल करेंगे।


