
फर्जी तरीके से जमीन का आवंटन करवाया, नशे की गोलियां खिलाकर करवाये हस्ताक्षर






खुलासा न्यूज बीकानेर। फर्जी तरीके व कूटरचित दस्तावेजों से जमीन हड़पने का मामला बज्जू पुलिस थाने में दर्ज हुआ है। यह मामला रामकुमार बिश्नोई पुत्र सुरजाराम जाति बिश्नोई उम्र 60 साल निवासी मिठडिय़ा ने दर्ज करवाया है। परिवादी ने बताया कि मैं सीमा सुरक्षा बल में 33 वर्ष से अधिक की गौरवमयी सेवा पूर्ण करने के बाद 31 अक्टूबर 2020 को स्वेच्छा से सेवानिवृत हुआ हूं। परिवादी ने बताया कि हमारे गांव मिठडिय़ा की सरहद 1 टीपीएम मे हमारे संयुक्त परिवार की पूर्वजों से प्राप्त 58 बीघा जमीन मेरे पिताजी सुरजाराम विश्नोई के नाम से राजस्व रिकॉर्ड में अमल दरामद है। पिता सुरजाराम विश्नोई एक उम्र दराज व्यक्ति है, जिनकी मानसिक स्थिति वर्ष 2010 से ही ठीक नहीं है तथा वह दिमागी तौर पर अस्वस्थ होने के कारण कोई भी निर्णय लेने में सक्षम नहीं है। परिवादी ने बताया कि जब सरकारी सेवा में देश के दुर दराज सीमाओं पर कार्यरत था, उस समय मेरे पिता सुरजाराम विश्नोई की खराब दिमागी हालत को देखते हुए हमारे गांव के ही भुमाफिया व षड्यन्त्रकारी व्यक्ति श्रीराम दत्तक पुत्र रामुराम बिश्नोई ने अपने भाई ओमप्रकाश (अध्यापक) के साथ मिलकर मेरे पिताजी के साथ नजदीकियां बढ़ाई और उनको नशे की गोलियां खिलानी शुरू की और यह बताया कि इन गोलियों से आपकी दिमागी हालत सही हो जाएगी। जिसकी वजह से मेरे पिताजी पुरी तरह से श्रीराम व ओमप्रकाश की जैर असर में आ गये। परिवादी ने बताया कि सेवानिवृति के बाद अपने खेत के साथ लगती अराजीराज भूमि होने का पता करने के लिए तहसील स्टाफ व हल्का पटवारी से जानकारी प्राप्त की तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई कि हमारे खेत के साथ लगते 5 बीघा अराजीराज रकबे को ओमप्रकाश ने अपने भाई श्रीराम के साथ मिलकर अपनी पत्नि पुष्पा देवी के नाम फर्जी हस्ताक्षरों वाले सहमति पत्रों व शपथ पत्रों के जरिये तहसील के ही कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ मिलिभगत करके आंवटन करवा लिया है। और इसके लिए इन्होंने षडयन्त्र पूर्वक तरीके से पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश को अपात्र से पात्र बनाने के लिए हमारे ही खेत की 1 बीघा कमाण्ड व खातेदारी जमीन मेरे पिताजी सुरजाराम की खराब दिमागी हालत को देखते हुए गुमराह करके तथा नशे की गोलियां खिलाकर पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश के नाम रूपये 25000 रुपए नगद मे बेचान दिखाकर 31 सितंबर 2013 को रजिस्ट्री करवा ली। परिवादी ने बताया कि इसकी जानकारी मिलने के बाद उसने नियमानुसार पंजीयन कार्यर्यालय से रजिस्ट्री व वैयनामा की प्रमाणित प्रतिलिपी को प्राप्त किया और उनका ध्यान से अवलोकन करने पर पता चला कि आरोपीगण पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश, ओमप्रकाश पुत्र दलुराम विश्नोई व श्रीराम दतक पुत्र रामुराम ने पुरी सैल डीड को शुरू से ही कपट पूर्ण व षड्यन्त्र पूर्वक तरीके से तैयार करवाया और मेरे पिताजी को नशे की गोलियां व अन्य कोई नशीला पदार्थ खिलाकर 31 सितंबर 2013 को पंजीयन कार्यालय बज्जू लाये, ताकि नशे की हालत में वो सैल डीड को ना तो पढ़ सके और ना ही अपना हस्ताक्षर कर पाए। इसके लिए आरोपीगण ने रजिस्ट्री पर मेरे पिता के हस्ताक्षर की बजाय सभी जगह नशे की हालत मे अगुंठा लगवाये। जबकि मेरें पिता इस सैल डीड से पूर्व और उसके बाद के सभी जरूरत अनुसार कागजों पर हस्ताक्षर करते रहे है। परिवादी ने बताया कि एक बीघा हमारी जमीन खरीदने व वैयनामा तैयार करने के लिए 31 सितंबर 2013 को एक हजार रूपये का स्टाम्प पेपर संख्या 2020 पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश के नाम से खरीदा पर स्टाम्प विक्रेता के सामने स्टाम्प पर श्रीराम दत्तक पुत्र रामुराम ने हस्ताक्षर किये । परिवादी ने बताया कि सैल डीड में गवाह नम्बर 2 जो कि सैल डीड निस्पादन कर्ता की पहचान के रूप में श्रवण कुमार जाणी पुत्र जोधाराम ने अपने फोटो सहित हस्ताक्षर किये है वो एक लोकसेवक है।
परिवादी ने बताया कि इस विकय विलेख में पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश, श्रीराम दत्तक पुत्र रामुराम व श्रवण कुमार जाणी ने कपट पूर्ण तरीके से गवाह नम्बर 2 की उम्र 18 वर्ष दर्ज करवायी, जबकि श्रवण कुमार जाणी 2012 में ही सरकारी सेवा मे आ चुका था और विकय विलेख के समय उसकी जन्म तिथि 17 दिसंबर 1990 के अनुसार उम्र 22 वर्ष 10 महीने होती है और सरकारी सेवा में आने के लिए 18 वर्ष की उम्र होनी जरूरी है, इस तरह से उपरोक्त तीनों ने एक पंजीकृत विकय विलेख मे कपट पूर्ण व साजिशन श्रवण कुमार जाणी की उम्र को छिपाया और श्रवण कुमार जाणी का व्यवसाय किसान होना दर्ज करवाया। इस तरह से इन तीनों ने श्रवण कुमार जाणी के सरकारी सेवा में होने के तथ्य को कपट पूर्ण तरीके से छिपाया और गलत तथ्य पंजीकृत दस्तावेज में दर्ज करवाये, इन्होंने ये सब इतने शातिराना तरीके से किया कि इसकी किसी को कानो-कान तक खबर नहीं लगे।
परिवादी ने बताया कि इसके बाद उसने नियमानुसार तहसील कार्यालय कोलायत से पुष्पा देवी के नाम से 5 बीघा राजरकबा आंवटन से सम्बन्धित प्रमाणित प्रतिलिपियां 26 जूल 2024 को प्राप्त कर अवलोकन किया तो सहमति पत्रों शपथ पत्रों पर फर्जी हस्ताक्षरों का अंदेशा हुआ तो उसने ने हस्तलिपि विशेषज्ञ व फॉरेन्सिक एक्सपर्ट से पुष्पा देवी, सुरजाराम विश्नोई व सोहनलाल उर्फ सुणाराम के वास्तविक हस्ताक्षरों से मिलान करवाया तो जो तथ्य सामने आये वो होश उड़ाने वाले थे, जिसमें उसके पिता के इस आंवटन में सलग्न सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर फर्जी है और पुष्पा देवी के एक बीघा जमीन रजिस्ट्री करवाने वाले विकय विलेख व 5 बीघा आंवटन आदेश के अलावा आंवटन में संलग्न सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर फर्जी होने की तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने की।
परिवादी ने बताया कि उपरोक्त 1 बीघा हमारे खेत की जमीन षड्यन्त्रपुर्वक व नियम विरूद्ध तरीके से पुष्पा देवी के नाम से करवाने के बाद हमारे खेत के साथ लगते 5 बीघा राजरकबा हड़पने के लिए उपनिवेशन तहसीलदार बज्जू के नाम मीडीयम व स्माल पेच के तहत आंवटन के लिए पुष्पा देवी के फर्जी हस्ताक्षर वाला प्रार्थना पत्र दिया। जिसकी प्राप्ति कम संख्या 57 दिनांक 21 फरवरी 2014 है और इसकी हल्का पटवारी के साथ मिलिभगत इस बात से स्पष्ट हो जाती है कि इन्होनें आवेदन से पूर्व ही 09 दिसंबर 2013 को पटवारी रिपोर्ट करवा ली। नियमानुसार कोई भी आवेदन किसी कार्यालय मे प्राप्त होनें के बाद उस पर कार्यवाही जारी की जाती है, लेकिन इसमें तो षड्यन्त्रकारी श्रीराम दतक ने हल्का पटवारी तक की रिर्पोट खुद अपने हाथ से तैयार करके आवेदन से पूर्व ही रख ली। जिसकी तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने अपनी रिर्पोट में की है। परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि पुष्पा देवी के फर्जी हस्ताक्षरों वाले लिखित प्रार्थना पत्र के बाद इन्होने निर्धारित परफोर्मा में आवेदन के फॉर्म पर भी पुष्पा देवी के फर्जी हस्ताक्षर 09 दिसंबर 2013 को किये। जिसकी तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने की है।
परिवादी ने बताया कि 5 बीघा अराजी राज कृषि भूमि आंवटन के लिए सहमति पत्र के लिए एक स्टाम्प संख्या 4860 दिंनाक 04 मार्च 2014 को मेरे पिता सुरजाराम के नाम से खरीदा और उस पर स्टाम्प विक्रेता के सामने व शपथग्रहिता के स्थान पर मेरे पिता सूरजाराम के फर्जी हस्ताक्षर किये। जिसकी तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने अपनी रिर्पोट में की है। और उसी स्टाम्प पर श्रवण कुमार जाणी ने अपने हस्ताक्षर किये है और उसकी पहचानकर्ता बाबूलाल पुत्र दलुराम निवासी मिठडिय़ा व दुसरा पहचानकर्ता श्रीराम पुत्र दलुराम को बनाया गया जो कि दोनों सगे भाई है।
परिवादी ने बताया कि दुसरा सहमति पत्र के लिए स्टाम्प संख्या 4888 दिंनाक 06 मोर्च 2014 को सुणाराम उर्फ सोहनलाल पुत्र लालुराम के नाम से खरीदा जिसमें स्टाम्प विक्रेता के सामने किसी के हस्ताक्षर नहीं है तथा सहमति पत्र पर सुणाराम उर्फ सोहनलाल के शपथ ग्रहिता की जगह फर्जी हस्ताक्षर किये। जिसकी तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने अपनी रिर्पोट में की है और पहचानकर्ता की जगह श्रीराम पुत्र दलुराम ने हस्ताक्षर किये है। परिवादी ने बताया कि उपरोक्त दोनों फर्जी हस्ताक्षरों वाले सहमति पत्रों को अग्रेषित करने के लिए पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश के नाम से सहायक आयुक्त उपनिवेशन छतरगढ मुकाम बज्जू के नाम से प्रार्थना पत्र पेश किया। जिसमें पुष्पा देवी के हस्ताक्षर फर्जी होने की तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने की है।
परिवादी ने बताया कि 07 मार्च 2014 को एक स्टाम्प संख्या 4953 पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश के नाम से खरीदा और वेन्डर के सामने हस्ताक्षर श्रीराम ने किये तथा शपथ पत्र पर शपथ ग्रहिता पुष्पा देवी के हस्ताक्षर फर्जी होने की तस्दीक हस्तलिपि विशेषज्ञ ने की है और इसमें पहचानकर्ता की जगह श्रीराम पुत्र रामूराम विश्नोई निवासी मिठडिय़ा ने हस्ताक्षर किये है। इस तरह से श्रीराम दतक पुत्र रामूराम ने अलग-अलग कागजों पर अपनी पहचान छिपाने के लिए कभी अपने आप को दलुराम का पुत्र तो कभी अपने आप को रामुराम का पुत्र लिखा है। इस तरह से कुटरचित दस्तावेज तैयार करने के लिए छदम तरीके से अपने आप को अलग-अलग पिता का पुत्र लिखा है। नियमानुसार एक ही व्यक्ति अलग- अलग दो पिता का पुत्र नहीं हो सकता है। परिवादी ने बताया कि इस तरह से पुष्पा देवी पत्नि ओमप्रकाश, श्रीराम दत्तक पुत्र रामूराम व ओमप्रकाश पुत्र दलुराम ने पहले 1 बीघा हमारी जमीन व बाद मे 5 बीघा से अधिक का राजरकबा हड़पने के लिए तमाम तरह के कुटरचित दस्तावेज तैयार किये तथा सहमति पत्रो शपथ पत्रों पर श्रीराम ने फर्जी हस्ताक्षर करके धोखाधडी व षड्यन्त्र पूर्वक तरीके से 5 बीघा राजरकवे का आंवटन आदेश संख्या 66 व 23 दिंनाक 31 दिसंबर 2020 को पुष्पा देवी के नाम करवा लिया जो कि गैरकानूनी व नियम विरूद्ध है। पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट पर आरोपियों के खिलाफ धारा 420,468,467,471,120 B में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।


