सरकार और किसानों में समझौता;  एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में दोषी गिरफ्तार होंगे - Khulasa Online सरकार और किसानों में समझौता;  एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में दोषी गिरफ्तार होंगे - Khulasa Online

सरकार और किसानों में समझौता;  एक सदस्य को सरकारी नौकरी का वादा, 8 दिन में दोषी गिरफ्तार होंगे

लखीमपुर में सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही घटना की न्यायिक जांच और 8 दिन में आरोपियों को अरेस्ट करने का वादा भी किया गया है।

UP के ADG प्रशांत कुमार ने कहा, ‘मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपए और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत पर FIR दर्ज की जाएगी। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे। उन्होंने कहा कि CRPC की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को जिले का दौरा नहीं करने दिया गया है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की इजाजत है।’

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो कोई भी जिम्मेदारी नहीं लेता

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा पर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती हैं, तो कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं होता है। प्रदर्शनकारी दावा तो करते हैं कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है, लेकिन जब वहां हिंसा होती है तो कोई जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं होते हैं।

वहीं केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओं को रोकने के लिए किसानों के विरोध प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट में किसान महापंचायत की उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी। जिसमें जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगी गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या विरोध करने का अधिकार एक पूर्ण अधिकार है।

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