
राजस्थान में नए जिलों के गठन के बाद शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए मची खलबली







अलवर। प्रदेश में नए जिलों के गठन से कोई खुश है तो कोई निराश। किसी ने पसीना बहाकर अपने इलाकों को चमकाया, लेकिन उसका लाभ अब दूसरे जिलों के लोग उठाएंगे। अलवर जिले में दो नए जिलों का गठन करने से ऐसा ही कुछ शिक्षा विभाग के साथ हुआ है।
प्रदेश में नए जिलों के गठन से कोई खुश है तो कोई निराश। किसी ने पसीना बहाकर अपने इलाकों को चमकाया, लेकिन उसका लाभ अब दूसरे जिलों के लोग उठाएंगे। अलवर जिले में दो नए जिलों का गठन करने से ऐसा ही कुछ शिक्षा विभाग के साथ हुआ है। विभाग के कुल 2842 स्कूलों में से करीब 1500 स्कूल दूसरे जिलों में जाने के आसार हैं। वहीं 1300 से अधिक यहां बचेंगे। ऐसे में मूल जिले से ज्यादा स्कूल दूसरे जिले के खाते में जाएंगे। इन स्कूलों को संवारने के लिए शिक्षकों ने मेहनत की थी।
राज्य सरकार की ओर से जल्द ही नए जिलों का परिसीमन जारी किया जाएगा। इस कारण शिक्षकों में हडकंप मचा है कि कहीं उनका तबादला न हो जाए। जानकारों का कहना कि शिक्षक परिसीमन जारी होने से पूर्व ही अपने तबादले का जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं। सरकार की ओर से बड़ी संख्या में शिक्षकों के तबादले किए जाने की चर्चा है। कारण है कि नए जिलों में इन्हीं शिक्षकों में से नियुक्ति की जाएगी।
ऐसे मुहैया कराए थे संसाधन
शिक्षा विभाग ने खैरथल, बानसूर से लेकर कई इलाकों के स्कूलों को अच्छा चमकाया था। वहां पर पर्याप्त स्टाफ रखा। शिक्षा की गुणवत्ता से लेकर सुविधाएं मुहैया कराने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। अब विभाग की यह विरासत दूसरे जिले संभालेंगे। बच्चों की संख्या भी यहां कम होगी। दूसरे जिलों के विद्यार्थियों के दाखिले वहां होंगे।
इस तरह से हो सकता है बटवारा
राज्य सरकार की ओर से राज्य में नए जिलों की घोषणा कर कई पुराने जिलों को बांटा गया है। अलवर जिले के 16 ब्लॉकों को तीन टूकडो़ं में बांटा गया है। बताते हैं कि खरैथल जिले में खरैथल, तिजारा, किशनगढ़बास, मुंडावर, कोटकासिम शामिल हो सकते हैं। अलवर जिले में रैणी, राजगढ़, कठूमर, लक्ष्मणगढ़, गोविन्दगढ़, मालाखेड़ा, उमरैण, थानागाजी, राजगढ़ को शामिल किया जा सकता है। वहीं कोटपूतली-बहरोड़ जिले में बहरोड़, बानसूर, नीमराणा को शामिल किया जा सकता है। इसमें अलवर में 16 ब्लॉकों में से 9 ब्लॉकों को शामिल किया जा सकता है।
राज्य सरकार की ओर से जिलों के बटवारों के बाद बनने वाले नए सभी जिलों में अलग- अलग शिक्षा विभाग के कार्यालय बनाए जाएंगे। साथ ही सरकार की ओर से संचालित सभी योजनाओं को भी बटवारा हो जाएगा।
मुकेश किराड़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी , अलवर


