कैबिनेट के फैसले के बाद अब पंचायती राज विभाग ने पुनर्गठन की शुरू की तैयारी, वन स्टेट वन इलेक्शन का रास्ता होगा साफ

कैबिनेट के फैसले के बाद अब पंचायती राज विभाग ने पुनर्गठन की शुरू की तैयारी, वन स्टेट वन इलेक्शन का रास्ता होगा साफ

खुलासा न्यूज नेटवर्क। प्रदेश में इस साल ग्राम पंचायतों से लेकर पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ेगी। कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2024 को ही पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन करने का फैसला किया था। कैबिनेट के फैसले के बाद अब पंचायती राज विभाग ने पुनर्गठन की तैयारी शुरू कर दी है।

गहलोत राज के 9 जिले खत्म करने के बाद अब 41 जिले रह गए हैं। इसका शेड्यूल जारी होने के बाद अब ्जिलों में पंचायतों के पुनर्गठन करने का काम शुरू होगा। अब तक प्रदेश में 33 जिला परिषदें ही थीं। अब 8 नए जिलों बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलोदी और सलूंबर में भी पहली बार नई जिला परिषद बनेंगी।

इसके साथ मापदंडों में छूट मिलने के कारण अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों और जिला परिषदों की संख्या बढ़ेगी। सरपंच, प्रधान और जिला प्रमुखों की संख्या बढऩे पहले से ज्यादा नेताओं को मौका मिलेगा।

मापदंडों में छूट मिलने से पंचायतों और पंचायत समितियों की संख्या बढ़ेगी

नई ग्राम पंचायत और पंचायत समिति बनाने के मापदंड में छूट देने के कारण अब प्रदेश में पंचायत और पंचायत समितियों की संख्या बढऩा भी तय है। अब 40 की जगह 25 ग्राम पंचायतों पर पंचायत समिति बनेगी। सामान्य इलाकों में 2019 में कम से कम 4000 और अधिकतम 6500 जनसंख्या पर एक पंचायत बनती थी। इसे अब 4000 की जगह 3000 और 6500 की जगह 5500 कर दिया है। अब 3000 की आबादी पर एक पंचायत बनेगी।

सामान्य जिलों के अलावा रेगिस्तानी और आदिवासी जिलों में 2000 की आबादी पर एक ग्राम पंचायत बनेगी। नई एक पंचायत समिति बनाने के मापदंड भी बदले है। पहले 40 ग्राम पंचायत पर एक पंचायत समिति बनती है। अब 40 के स्थान पर 25 ग्राम पंचायत पर ही एक पंचायत समिति बन सकेगी।

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