नयाशहर थाने के बाद अब व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र बना अपराध का अड्डा, शाम होते ही लगने लगता है जमावड़ा, रोकने-टोकने वाला कोई नहीं

नयाशहर थाने के बाद अब व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र बना अपराध का अड्डा, शाम होते ही लगने लगता है जमावड़ा, रोकने-टोकने वाला कोई नहीं

खुलासा न्यूज, (शिव भादाणी)।  छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध शांतप्रिय शहर बीकानेर पिछले लंबे समय से अपराध का अड्डा बनता जा रहा है। जहां अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। अब हालात इत कदर बन गए कि आपराधिक प्रवृति के लोग दिनदहाड़े भरे बाजार में वारदात करने से नहीं डरते। बीकानेर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के कारण शांतप्रिय शहर में माहौल खराब हो रहा है, जिसको लेकर आम-आदमी चिंतित और परेशान है।

एक समय था जब किसी विशेष क्षेत्र में आपराधिक गतिविधियां अधिक होती है, लेकिन धीरे-धीरे पूरा शहर चपेट में आ गया। जब मुक्ताप्रसाद थाना नहीं था तब सबसे अधिक अपराध का ग्राफ नयाशहर थाने का हाई रहता था, लेकिन अब इस सूची में सबसे उपर व्यास कॉलोनी पुलिस थाना इलाका आ गया है। इस क्षेत्र में शाम होते ही नशेडियों, अय्याशी करने वाले, बदमाश प्रवृत्ति के लोगों का जमावड़ा शुरू हो जाता है और देर रात तक बिना नंबरों की कैंपर गाडिय़ां, थार जैसी गाडिय़ों में सवार होकर युवक सडक़ पर स्टंट करते नजर आते है, कई दफा ये लोग किसी के साथ झगड़ा करते हुए देखे गए है। प्राय: देखा जाता है कैंपर की खुली गाडिय़ों में बदमाशों की शराब या फिर अन्य नशे की पार्टी होती है। बोलेरो व थार जैसी गाडिय़ों में अय्याशी का गंदा खेल खुलेआम हो रहा है। लेकिन इस पर अंकुश लगाने वाली पुलिस को ये सब नजर नहीं आ रहा है। कई बड़े तस्कर अब इस इलाके को व्यापारिक इलाका बना चुके है जो नशा बेचकर अपना व्यापार करते है, इस नशे के चपेट में आ रहे युवा अपना जीवन बर्बाद कर रहे है।

 

हथियारों से लैंस होकर घूमते है बदमाश
शाम होने के बाद आपसी विवादों को लेकर प्राय: बदमाश हथियारों के साथ व्यास कॉलोनी के इलाकों में घुमना शुरू कर देते है और मौका देखते ही वारदात करते है। अभी दो घटनाएं ऐसी हुई कि इलाके के लोगों में दहशत फैल गई। जिसमें बिना नंबर की बोलेरो गाड़ी ने सामने खड़ी गाड़ी को फिल्म स्टाइल में सामने से इस तरह टक्कर मार रहा था जैसे कोई फिल्म का सीन चल रहा हो। मजे की बात कैंपर ने सामने गाड़ी को बार-बार आगे पीछे लेकर टक्कर मारी तथा दो बदमाशों ने एक युवक को आम सडक़ पर नीचे गिरकर लाठी डंडो से पीटा। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल युवक के बयान लेकर एक छोटा सा मामला दर्ज कर अपनी ड्यूटी पूरी कर दी। पुलिस की इस ढिली कार्रवाई से बदमाशों में डर नहीं है। जबकि होना तो यह चाहिए था कि घटना को अंजाम देने वाल बदमाशों की सरेआम परेड करवानी चाहिए, सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि बदमाशों में एक संदेश जाए कि अगर कुछ गड़बड़ की तो पुलिस बक्शने वाली नहीं है। जब तक पुलिस कार्रवाई में सख्ताई नजर नहीं आएगी, तब तक आपराधिक गतिविधियों में अंकुश लगाना मुश्किल होगा।

 

कैफे बने है नशेडिय़ों का बड़ा अड्डा
व्यास कॉलोनी में आये दिन नए-नए कैफे खुलते जा रहा है। इन कैफों में दोपहर से लेकर देर रात तक नशेडिय़ों व अय्याशी प्रवृति के लोगों का जमावड़ा हरता है। इन कैफों में खाने-पीने की वस्तुओं के साथ नशा परसो जा रहा है, जो नियमों के तहत गलत है। पुलिस जब चाहे इस पर कार्रवाई कर सकती है। लेकिन पुलिस की अनदेखी के कारण युवा वर्ग शाम होते ही इन कैफो में पहुंच जाते है जहां इनको कबाब व शबाब दोनों आसानी के साथ उपलब्ध हो जाते है। कई कैफों संचालकों ने तो केबिन तक बना रखे है जहां लड़के-लड़कियां पहुंचती है। इतना होते हुए भी न जाने पुलिस क्यों चुप बैठी है? यह बड़ा सवाल है। पुलिस की चुप्पी के कारण कैफें संचालकों के हौसले बुलंद हो गये है, जो अपनी कमाई के लालच में न केवल युवाओं के जीवन को खराब करने पर तुले हुए है बल्कि शहर के वातारण को भी बिगाड़ रहे है।
हाल ही में मूर्ति सक्रिल के चारों तरफ बिना नंबर की गाडिय़ों की भरमार आ जाती है। जिसमें महंगी-महंगी गाडिय़ों में बदमाश सवार होकर आते है अपना जमावड़ा करते है।

 

शहर के इन इलाकों में कैफों की बाढ़
शहर के जस्सूसर गेट, व्यास कॉलोनी, नयाशहर, गंगाशहर आदि इलाकों आये दिन कैफें खुल रहे है। मजे की बात तो यह है कि कैफे संचालकों द्वारा किसी तरह की रोकटोक नहीं है। जिससे शहर में अपराध बढ़ता जा रहा है।

 

पुलिस दबाब में कर रही है काम
जब इस बारे में पुलिस से जानकारी लेनी चाही तो पुलिस ने दबी आवाज में कहा हम तो कार्रवाई करने को तैयार है लेकिन उनके हाथ भी बंधे हुए है, जिसके कारण वो चाहकर भी कार्रवाई कर नहीं सकते। बदमाशों पर कार्यवाही क्या करें? बीकानेर में तो बाइक सवार को बिना हेलमेट पकड़े तो वो तुरंत नेताओं व उनके रिश्तेदारों से फोन करवा देते है। जिससे हमें काम करने में मुश्किलें होती है।

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