आखिर बीकानेर रेल मंडल कार्यालय में क्यों बिफरे रेलकर्मी,पढ़े पूरी खबर

आखिर बीकानेर रेल मंडल कार्यालय में क्यों बिफरे रेलकर्मी,पढ़े पूरी खबर

खुलासा न्यूज,बीकानेर। ऑल इण्डिया रेलवे मैन्स फेडरेशन के आह्वान देशव्यापी आन्दोलन की श्रृंखला में बीकानेर में रेलकर्मियों ने हुंकार भरते हुए रेल के प्रस्तावित निजीकरण का जमकर विरोध किया। इसको लेकर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के अंदर विशाल धरना लगाया गया। जिसमें रेलकर्मियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एम्प्लॉइज यूनियन के जोनल अध्यक्ष अनिल व्यास की अगुवाई में लगाये गये इस धरने पर कार्मिकों ने रेल निजीकरण,निगमीकरण डीए फ्रीज,एनपीएस एवं मंडल स्तर पर लंबित मांगों के निस्तारण की बात कही। कॉ अनिल व्यास ने कहा कि भारतीय रेल एवं रेलकर्मियों के अस्तित्व को बरकरार रखने, ट्रेड अप्रेंटिस को नौकरी देने, रेल का निजीकरण, एनपीएस, डीए सहित तमाम मांगों के समर्थन में जो आंदोलन किया जा रहा है। लेकिन लंबे संघर्ष के बाद भी रेल प्रबंधन और केन्द्र सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। अगर रेल प्रबंधन और केन्द्र सरकार की यही हठधर्मिता रही तो आने वाले दिनों में रेल चक्का जाम जैसा बड़ा कदम भी उठाया जा सकता है। उन्होनें कहा कि रेलवे में अप्रैंटिस के लिए भर्ती होने वाले युवाओं अप्रैंटिस पूरा करने तक कुल 8 एग्जाम देने होते हैं।. अप्रैंटिस में भर्ती भी एग्जाम देकर ही होती है। पहले अप्रैंटिस वाले युवाओं की रेलवे में भर्ती महाप्रबंधक स्तर से की जाती थी। लेकिन कुछ समय पहले अप्रैंटिस वाले युवाओं की भर्ती को आरआरबी और आरआरसी को दे दिया गया और कुल भर्ती में इन्हें 20 फीसदी का कोटा दे दिया गया है। ऐसे में बहुत से युवा अप्रैंटिस करके खाली बैठे हैं। बहुत से ट्रेंड युवा, जिनके रेलवे में काम के अनुभव का फायदा रेलवे को मिल सकता है उन्हें रेलवे में अपने भविष्य को लेकर चिंता हो रही है। ऐसे में रेलवे को अप्रैंटिस वाले युवाओं के लिए अलग से परीक्षा करा कर उन्हें भर्ती करना चाहिए।
केंद्रीय कर्मचारियों की ये हैं प्रमुख मांगें
– संसद से पारिए नए चार लेबर कोड में सुधार
– सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर किया जाए
– एमएसीपी से संबंधित समस्याओं को दूर किया जाए
– नई राष्ट्रीय पेंशन नीति को बदला जाए
– एक जनवरी 2020 से देय महंगाई भत्ता तुरंत जारी किया जाए
– रेलवे का निजीकरण बंद किया जाए
– बजट के पहले कर्मचारियों की ओर से दिए गए सुझाव पर विचार किया जाए.

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