आखिर सीएमएचओ की ताजपोशी में इतनी देरी क्यों?,राजनीतिक दखल अंदाजी बना बड़ा कारण

आखिर सीएमएचओ की ताजपोशी में इतनी देरी क्यों?,राजनीतिक दखल अंदाजी बना बड़ा कारण

खुलासा न्यूज,बीकानेर। जिले में वैसे तो सरकारी आंकड़ों में कोरोना के संक्रमण का असर धीरे धीरे बीकानेर में कम होने लगा है। लेकिन जिस तरह प्रदेश के एक जिले में कोरोना की तीसरी लहर की एंट्री के संकेत सामने आएं है। उसको देखकर ऐसा लगता है कि अभी भी कोरोना की जंग को जीतने में सतर्कता जरूरी है। लेकिन इस जंग को जीतने में अहम काम करने वाले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के कप्तान का पद पिछले दो दिन से खाली पड़ है। इस पद पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की ताजपोशी शहर में चर्चा का विषय बनी हुई है। अब लोग दंबी जुबान में सीएमएचओ की नियुक्ति न होने के पीछे बड़ा कारण राजनीतिक हस्तक्षेप मान रहे है। वैसे तो इस पद के लिये जिला प्रशासन और सरकार के समक्ष कई जनों के नाम प्रमुखता से सामने आ रहे है। किन्तु इन नामों पर दावपेंज ऐसे उलझे है कि उस पर मंथन करना भी एक चुनौती बना हुआ है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीएमएचओ के लिये डॉ राहुल हर्ष,डॉ देवेन्द्र चौधरी,डॉ रमेश चन्द्र गुप्ता,डॉ राजेश गुप्ता,डॉ नवल गुप्ता और डॉ बी एल मीणा के नाम प्रमुख फेरिहत में शामिल है। लेकिन इस पद के लिये काम कर विभाग की छवि को राज्य स्तर पर नाम देने वाले की जगह राजनीतिक रसूलात वाले की ही ताजपोशी संभव लग रही है। अगर कार्यशैली से नियुक्ति की बात सामने आई तो कुछ नाम इसमें से भी छंट सकते है।
जरूरत काम करने वाले व्यक्तित्व की
जिले में कोरोना के हालात विकट न हो। इसके लिये एक कार्यनिष्ठ सीएमएचओ की आवश्यकता है। इसको लेकर अगर राजनीतिककरण होता है,तो यह शहर के लिये शुभ संकेत नहीं है। वैसे तो जिला कलक्टर नमित मेहता ने कोविड महामारी में काम करने वाले अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंप कर हालात पर काबू करने में सफल प्रयास किये है। अब देखने वाली बात तो यह होगी कि क्या जिम्मेदारी से काम करने वाला सीएमएचओ बनेगा या राजनीतिक आशीर्वाद पाने वाला।

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