
आखिर इंटर्न व रेजीडेंट डॉक्टर्स ने क्यों किया दो घंटे कार्य बहिष्कार,पढ़े पूरी खबर






खुलासा न्यूज,बीकानेर। कोरोना काल में पंद्रह से बीस घंटे तक काम करके अस्पतालों की व्यवस्थाओं को संभालने वाले जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी ही उपेक्षा के विरोध में अब आंदोलन का रास्ता पकड़ लिया है। सोमवार को इंटर्न और रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। मंगलवार तक यह बहिष्कार नॉन कोविड वार्ड में होगा, जबकि बुधवार से दो घंटे कोविड वार्ड में भी काम नहीं करेंगे।
दरअसल, इंटर्न डॉक्टर्स को महज सात हजार रुपए स्टाईपेंड के रूप में मिल रहे हैं, जबकि वो एक डॉक्टर के रूप में पंद्रह घंटे से अधिक काम कर रहे हैं। पिछले साल इन डॉक्टर्स की सरकार के साथ बातचीत हुई, लिखित में समझौता भी हुआ लेकिन फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इंटर्न डॉक्टर्स के साथ ही रेजिडेंट डॉक्टर्स के भत्तों में भी बढ़ोतरी की मांग चल रही है। बहुत कम मानदेय में काम कर रहे रेजीडेंट डॉक्टर्स के भरोसे ही बीकानेर का पीबीएम अस्पताल संचालित हो रहा है। ऐसे में अगर समय रहते इनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई और कोविड वार्ड का काम बंद किया तो पहले से हांफ रहे पीबीएम अस्पताल की व्यवस्थायें लडख़ड़ा जायेगी।
अभी चार सौ रेजिडेंट है मेडिकल कॉलेज में
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में चार सौ रेजिडेंट डॉक्टर्स काम कर रहे हैं। इनमें कुछ इन सर्विस है जो सरकारी अस्पताल में काम करते हुए यहां पीजी कर रहे हैं।इन रेजिडेंट्स के पास कोविड सहित सभी नॉन कोविड अस्पताल का जिम्मा है। सीनियर डॉक्टर्स तो कुछ देर के लिए आते हैं लेकिन दिनभर की व्यवस्था ये रेजिडेंट्स ही संभालते हैं। कोविड अस्पताल व वार्ड्स में करीब दो सौ रेजिडेंट्स के पास अलग अलग जिम्मेदारी है। ऐसे में अगर रेजिडेंट्स हड़ताल पर आये तो व्यवस्था चरमरा जायेगी।
क्या है वेतन में अंतर
उन्हें तो अपने वेतन के हिसाब से राशि मिल रही है लेकिन फ्रेश को करीब 58 हजार रुपए मिलते हैं। यह वेतन अन्य राज्यों की तुलना में कम है। देश के अन्य मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट डॉक्टर्स को एक लाख रुपए तक वेतन भी मिल रहा है। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसएिशन के अध्यक्ष महिपाल नेहरा ने बताया कि करीब पंद्रह मेडिकल कॉलेज में तो हमारे फ्रेश रेजिडेंट से ज्यादा वेतन मिल रहा है।
इंटर्न को महज सात हजार रुपए
सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के इंटर्न डॉक्टर्स को महज सात हजार रुपए हर महीने मिलते हैं। इनकी मांग है कि इसे बढ़ाकर 14 हजार रुपए और डीए कर दिया जाये। महज सात हजार रुपए में उन्हें हर रोज के ढाई सौ रुपए भी नहीं मिल रहे हैं। इंटर्न डॉक्टर भी रेजिडेंट्स की तरह पूरे पीबीएम अस्पताल में सेवा दे रहे हैं। इंटर्न डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष श्यामसुंदर ने बताया कि हम अपने आंदोलन को जल्दी ही तेज करेंगे।


