
आखिर क्यों किया जा रहा है होटल व्यवसायियों को नजर अंदाज





बीकानेर। होटल उद्योग संस्थान होटल एसोसिएशन पदाधिकारियों की वी.सी. बैठक बुलाई गई। बैठक में होटल व्यवसाय की समस्याओं तथा उनके निवारण हेतु केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा राहत पैकेज में इस उद्योग को पूर्ण रूप से नजर अन्दाज कर देने से होटल व्यवसयी सकते में है। एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद सलीम सोढा की अध्यक्षता में कोविड-19 के बाद उपजे हालात से होटल व्यवसाय के भविष्य पर चर्चा की गई। संस्थान के सचिव डॉ. प्रकाश चन्द्र ओझा ने बताया कि हमारी सभी समस्याओं के निवारण के लिये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया है।
डॉ. ओझा ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगो में होटल उद्योग को अन्य उद्योगों की तरह छूट का लाभ, जी.एस.टी तथा स्थानीय व अन्य करों को आगामी एक वर्ष तक स्थगन एवं केन्द्र सरकार से सिफारिश कर सभी ऋ णों पर आगामी एक वर्ष तक ब्याज माफ ी एमएसएई स्कीम से होटल संचालन के लिये द्विवार्षिक ब्याज मुक्त ऋ ण हेतु आग्रह किया है। होटल शून्य व्यवसाय के बावजूद भी बिजली कम्पनियों द्वारा पैनेल्टी सहित भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। विद्युत बिलों में फ्यूल चार्ज, फिक्स तथा पॉवर फैक्टर चार्ज लगाया जा रहा है जो अनुचित है। डॉ. ओझा ने बताया कि लोक डॉउन-1 से ही क्वारेंटाईन हेतु कई होटलों को स्थानीय प्रशासन द्वारा अधिग्रहीत कर लिया था तथा अधिग्रहण अनवरत जारी है लेकिन एवज में भुगतान हेतु कोई दिशा-निर्देश नही दिया है। शून्य के हाशिए पर आये होटल उद्योग को पुर्नजीवित करने हेतु राहत पैकेज की मांग की गई है।
बैठक में कोषाध्यक्ष गोपाल अग्रवाल, द्वारका प्रसाद पचीसिया, अजय मिश्रा, राजेश चाण्डक, इकबाल समेजा, प्रेमचन्द अग्रवाल, अजहर खांन, राजेश गोयल, नितिन सूद, अयूब सोढा, जगदीश सोलंकी, किशन गहलोत, मोंटू सोढा, सुनील सेठिया सहित अन्य कई सदस्यों ने वी.सी. में हिस्सा लिया।


