आखिर कार्यकर्ताओं को कब मिलेगा सम्मान,नियुक्तिओं में अपनों पर नेता मेहरबान - Khulasa Online आखिर कार्यकर्ताओं को कब मिलेगा सम्मान,नियुक्तिओं में अपनों पर नेता मेहरबान - Khulasa Online

आखिर कार्यकर्ताओं को कब मिलेगा सम्मान,नियुक्तिओं में अपनों पर नेता मेहरबान

खुलासा न्यूज,बीकानेर। हर एक राजनीतिक दल के लिये कार्यकर्ता अहम होते है और उन्हें रीढ़ की हड्डी तक का तमगा दिया जाता रहा है। पार्टी की सेवा को अपना धर्म मानने वाले कार्यकर्ताओं की रीढ़ अनेक बार तोडऩे से भी राजनीतिक दल बाज नहीं आते है। ऐसे कई उदाहरण भी हमारे सामने है,जब मूल कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर कंगूरों को नियुक्तियों में तरजीह दी जाती है। पार्टियों के ऐसे फैसलों पर कई बार सोशल मीडिया पर तो कई बार अन्दरूनी स्तर पर भी गतिरोध के हालात बनते है। लेकिन जैसे तैसे कार्यकर्ताओं की आवाज को दबा दिया जाता है। पिछले दिनों भाजपा की नियुक्तिओं को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी थी। अब कांग्रेस में भी शुरू हुई राजनीतिक नियुक्तियों में भी मूल कार्यकर्ताओं को वो सम्मान नहीं दिया गया जो उन्हें मिलना चाहिए। इन नियुक्तिओं में एक बार फिर नेताओं की मेहरबानी वालों को पद मिला है। हालात यह है कि एक व्यक्ति एक पद की बातें करने वाले राजनीतिक दलों ने अपने इस सिद्वान्त को भी खूंटी टांग दिया है। इतना ही नहीं जीते हुए पार्षद के सामने खड़े हुए अन्य अन्य दल व निर्दलीय के रूप में पर्चो दाखिल करने वालों को भी मनोनीत पार्षद बनने का अवसर कांग्रेस ने दे दिया। एक कांग्रेसी कार्यकर्ता ने अपना नाम न छापने की शर्ते पर कहा कि एक तहसील की पंचायती करने वाले अब पहले पार्षदों के टिकट देने में और अब मनोनीत पार्षद बनवाने में अपनी पंचायती कर रहे है। ऐसा ही है तो पूर्व में यहां से सांसद के चुनाव लड़ चुके राजनेताओं की भी डिजायर पार्टी के आकाओं को माननी चाहिए।
पहले मिल चुके मौके,फिर भी नयो का मौका नहीं
प्रदेश स्तर पर कांग्रेस में चल रहे बवाल के मद्दे नजर बुधवार देर शाम मनोनीत किये गये पार्षदों में कई जने तो ऐसे है जिन्हें पहले पार्टी में उच्च पद मिल चुके है या जो अभी भी अग्रिम संगठनों की कमान संभाल रहे है। बारह मनोनीत पार्षदों में एक पूर्व में पार्षद रह चुके है। तो एक वर्तमान में देहात महिला कांग्रेस की अध्यक्षा है। इनमें एक पूर्व में यूथ कांग्रेस के पूर्व विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके है। एक कांग्रेस के प्रवक्ता तो एक जिला कांग्रेस कार्यकारिणी पदासीन थे। ऐसे में बार बार ऐसे ही नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों में जगह देकर कांग्रेस आखिर क्या संदेश देना चाहती है।
सैकड़ों कार्यकर्ता,जिन्हें अब तक नहीं मिला सम्मान
अगर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात करें तो ऐसे सैकड़ों कार्यकर्ता है। जिन्हें अब तक राजनीतिक नियुक्तिओं में किसी प्रकार का सम्मान नहीं मिला है। जबकि उनका सारा जीवन कांग्रेस की सेवा में ही निकल गया। जिसको लेकर अब ऐसे कार्यकर्ताओं का मोह भी भंग हो गया है। वे स्वत:ही पार्टी कार्यक्रमों से दूरी बनाने लगे है। जो पार्टी के लिये शुभ संकेत नहीं है।
अब नेता प्रतिपक्ष को लेकर उठापठक शुरू
मनोनीत पार्षदों में अनेक समाज की उपेक्षा के बाद राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई चर्चाओं के बीच प्रतिपक्ष नेता को लेकर उठापठक शुरू हो गई है। इसको लेकर जहां शिवशंकर बिस्सा,चेतना चौधरी,जावेद पडि़हार,मनोज विश्नोई इसको लेकर भागमभाग में लगे है। लेकिन बुधवार को मनोनीत पार्षदों में बिगड़े समीकरण के बाद अब नेता प्रतिपक्ष का मनोनयन भी कांग्रेस के लिये टेढ़ी खीर बन गया है।

error: Content is protected !!
Join Whatsapp 26