
आखिर रेस्टोरेंटों व ढाबों पर कब बंद होगें घरेलू सिलेंडरों का प्रयोग







बीकानेर(शिव भादाणी) तीन दिन पहले हुए अग्निकांड में दो लोग जिंदा जल गये जिससे होली का माहौल फिका सा पड़ गया इससे पहले भी कई बार ऐसे हादसे हो चुके है लेकिन विवाह समारोह हो रेस्टोरेंटों व ढाबों पर आज भी घरेलू सिलेंडरों को प्रयोग किया जा रहा है जिससे कभी और बड़ी त्रासदी हो सकती है प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। मजे की बात है कई होटल संचालक व रेस्टोरेंट संचालकों ने निगम से बिना फायर ओनिसी के काम चला रहे है यह सारा खेल मिलीभगत का है। अधिकारियों को इसकी जानकारी रहती है लेकिन वो कोई कार्यवाही नहीं करते है। जानकारी मे रहे कि बीते माह जय नारायण व्यास कॉलोनी स्थित महर्षि गौतम सर्किल के पास ही डोसा प्लाजा रेस्टोरेंट लगी भीषण आग में भी भारी तबाही हुई थी। आग की चपेट में आने से रेंस्टोरेंट का सारा फर्नीचर और साजो सामान जलकर रखा गया और आग पर काबू पाने में फायर बिग्रेड टीम को तीन घंटे तक कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। आग की चपेट में आये इस रेस्टोरेंट की छत पर पंद्रह से ज्यादा गैससिलेंडर थे। गनीमत रही कि सिलेंडर तक आग पहुंचने से पहले ही काबू कर लिया गया। अगर सिलेण्डर आग की चपेट में आ जाते तो भीषण जनहानि की आंशका थी। इस अग्रिकांड की जांच में रसोई गैस सिलेण्डरों के अवैध भंडारण का मामला सामने आया था,लेकिन रसद विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबा दिया। -रेस्टोरेंट्स और मिठाई कारखानों में होता है जमकर दुरूपयोग इस मामले की पड़ताल में सामने आया है कि बीकानेर शहर घरेलू गैस सिलेण्डरों का सबसे ज्यादा दुरूपयोग मिठाई के कारखानों और रेंस्टोरेंट में होता है। इनके
संचालकों ने दिखावे के तौर पर कमर्शियल गैस सिलेंडर के कनेक्शन ले रखे है । जबकि हकीकत यह है कि इन रेस्टोरेंट्स और मिठाई कारखानों में कमर्शियल से दुगुनी तादाद में घरेलू गैस सिलेण्डरों का दुरूपयोग हो रहा है। इसमें कई गैस ऐजेंसी संचालकों की मिलीभगत भी सामने आई है।
चाय व अन्य जगहों पर कार्यवाही कर इतिश्री करते है
प्रशासन घटना के बाद एकबारगी तो ताबड़तोड़ कार्यवाही करता है बाद में इस ओर ध्यान नहीं देता है अभी देखा जाये तो पिछले दो महिनों में एक भी ढाबे या होटल पर कार्यवाही नहीं हुूई है जिससे उनको कोई डर नहीं रहता है और वे बेधडक़ अपना काम करते है।


